ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह (Dargah of Khwaja Garib Nawaz)में आने वाले हजारों जायरीन (Jairine)रोजाना तारागढ़ स्थित मीरां साहब की दरगाह भी जाते हैं। इनमें से अधिकांश डिग्गी बाजार से तारागढ़ जाने वाली टैक्सियों से जाते हैं। सर्पाकार घाटी और तेज रफ्तार वाहनों (High speed vehicles)की वजह से वैसे भी इस रोड पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अब अनेक जगह सडक़ के नीचे मिटटी बह जाने से कटाव जैसी स्थिति बन गई है।
इस सडक़ पर तेज रफ्तार जायरीन से टैक्सी कभी भी पलट सकती है। तारागढ़ दरगाह कमेटी के सदस्य सैयद मोहम्मद यूनुस ने बताया कि सडक़ क्षतिग्रस्त होने और कटाव होने की जानकारी कुछ दिन पूर्व सार्वजनिक निर्माण विभाग को दे दी थी लेकिन अब तक सडक़ सुधारने का कार्य शुरू नहीं हुआ है। उन्होने बताया कि सडक़ क्षतिग्रस्त होने की वजह से उसके समानांतर डाली गई पानी की पाइनलाईनें (pipe line)भी टूटने की आशंका पैदा हो गई है जिससे तारागढ़ की जलापूर्ति ठप हो जाएगी।
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Dargah h premises) में बने एक हुजरे का फर्श बारिश(rain) की वजह से धंस गया है। दीवारें अधर में होने से हुजरने गिरने की आशंका पैदा हो गई है। खादिम(khadim) सैयद महफूज चिश्ती ने बताया कि हुजरे के नीचे से ही नाला निकलता है जो दरगाह के बाहर जाकर खुलता है। पिछले दिनों तेज बारिश की वजह से नाला उफान पर आ गया जिस कारण हुजरे का फर्श लगभग दो फीट नीचे धंस गया।
चिश्ती ने बताया कि हुजरे की मरम्मत की इजाजत के लिए दरगाह कमेटी (Dargah Committee)को 10 दिन पूर्व पत्र लिखा था लेकिन अब तक उन्होने इसकी इजाजत नहीं दी है। उन्होंने बताया कि दरगाह में रोजाना हजारों जायरीन आते है। मुख्य द्वार के समीप ही हुजरा होने की वजह से यहां बड़ा हादसा हो सकता है।