अजमेर बंद के दौरान 2 अप्रेल को कलक्ट्रेट के सामने पुलिस और बंद समर्थक लाठी-भाटे के साथ आमने सामने हो गए थे। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) के गनमैन और चालक जख्मी हो गए जबकि उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। बंद समर्थकों की ओर से किए गए पथराव में एएसपी (शहर) भोलाराम यादव की बोलेरो कार फंस गई थी। गनीमत रही कि चालक ने सूझबूझ दिखाते वाहन पथराव के बीच से निकाल लिया लेकिन इसके बाद भी बोलेरो का कांच क्षतिग्रस्त हो गया। इसी तरह ट्राम-वे स्टेशन, भूणाबाय गांव में भी पथराव हुआ जिसमें पुलिस के जवान व वाहन क्षतिग्रस्त हुए।
ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने पुलिस के जवान व अधिकारियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप अधीक्षक के सरकारी वाहनों में भी सामने सुरक्षा जाली लगवाने के आदेश दिए हैं। इससे पथराव या किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में पुलिस अधिकारी व जवान सुरक्षित निकल सकेंगे। अब तक सिर्फ पुलिस के बख्तरबंद वाहन, टास्क फोर्स और थानाधिकारियों के वाहन पर ही सुरक्षा जाली और कैरियर होता है।
अब लाल-नीली बत्ती अब पुलिस महानिरीक्षक से लेकर थानाधिकारी के वाहन पर लाल-नीली बत्ती चमचमाएगी। मुख्यालय ने लाल-नीली बत्ती के साथ छत पर कैरियर लगाने के आदेश दिए है, ताकि वाहन की छत की सुरक्षा के साथ-साथ बत्ती व साइड में लगने वाली लाइट्स भी लगाई जा सके।
तीन एएसपी, दस सीओ
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर अब जिले में तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजमेर शहर, ग्रामीण, केकड़ी, परामर्श केन्द्र समेत दस पुलिस उप अधीक्षक के वाहन पर सुरक्षा जाली लगाने की कवायद शुरू कर दी है। पुलिस उप अधीक्षक अजमेर (उत्तर), अजमेर दक्षिण, अजमेर ग्रामीण, किशनगढ़, ब्यावर, नसीराबाद, केकड़ी, एससीएसटी सेल, पुलिस उप अधीक्षक यातायात शामिल हैं।
यह भी है कारण पुलिस अधिकारियों के वाहनों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जाली लगवाने की कवायद को एक यह भी कारण माना जा रहा है कि आगामी चुनावी वर्ष होने के चलते आगामी दिनों में जिलेभर में धरने, प्रदर्शन का दौर चलेगा। ऐसे में पुलिस अफसर को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगे रहना पड़ता है। ऐसे में उनके वाहनों पर भी सुरक्षा उपकरण होने जरूरी है।
पुलिस अधिकारियों के वाहन पर सुरक्षा की दृष्टि से सामने सुरक्षा जाली लगवाई जाएगी। ताकि धरना, प्रदर्शन के दौरान वाहन के साथ उसमें बैठे पुलिसकर्मियों की सुरक्षा हो सके।
-राजेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अजमेर