Corona impact: सेनेटाइजर और मास्क बने जिंदगी का अहम हिस्सा
संभाल रहे ऑनलाइन क्लासए.एस. इंस्टीट्यूट के निदेशक अंजुल जैन ने बताया कि सीए-सीएस, क्लैट और अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन क्लास चल रही हैं। कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद होने से उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है। एप पर ई-कंटेंट और ऑनलाइन लेक्चर अपलोड करना, बच्चों की समस्याओं का समाधान और आने वाली परीक्षाओं की रूपरेखा बताने में समय बीत रहा है।
अंजुल ने बताया कि वे सुबह छत पर टहलने के अलावा योग-व्यायाम करते हैं। परिवार संग चाय नाश्ता करने के बाद काम में जुटते हैं। उनकी दो साल की बेटी के साथ खेलते हैं। घर के कामकाज में पत्नी और मम्मी की मदद करते हैं। काफी समय बाद परिवार के साथ बैठने, लिखने- पढऩे का अवसर मिला है।
अब नहीं जुटते रिश्तेदार, नहीं ललचाते लजीज व्यंजन और पकवान
ऑनलाइन काव्य पाठ का अनुभव द टर्निंग पॉइन्ट स्कूल के निदेशक डॉ. अनन्त भटनागर ने बताया किलॉकडाउन में पर्यावरण सबसे ज्यादा सुधरा है। वे रोज छत पर सुबह आधा घंटा टहलते और व्यायाम करते हैं। गर्म पानी का सेवन और पौष्टिक आहार लेते हैं। साहित्य और लेखन से जुड़ाव होने के कारण उन्हें ऑनलाइन काव्य पाठ का अनुभव मिला है। वे 30 किताबें पढ़ चुके हैं। कई काव्य और लेखन गोष्ठी ऑनलाइन हो चुकी हैं। साहित्यकारों-लेखकों को भी नवाचार और तकनीकी ज्ञान सीखने को मिल रहा है।डॉ. भटनागर ने बताया कि भविष्य की पढ़ाई धीरे-धीरे ऑनलाइन और ई-कंटेंट पर आधारित होगी। कोचिंग संस्थानों, स्कूल-कॉलेज स्तर पर लेक्चर भी ऐसे ही तैयार होंगे। लेकिन पारम्परिक कक्षा में पढ़ाने और विद्यार्थियों से परस्पर संवाद का सिलसिला सदैव बना रहेगा।