Q. विधानसभा अध्यक्ष के रूप में आपकी प्राथमिकताएं क्या रहेंगी?
A. विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में सार्थक चर्चा हो। राजस्थान के विकास और जनता से जुड़ी व्यवस्थाओं के सवालों पर सरकार गंभीरता से विचार कर समाधान करें, इसका प्रयास रहेगा।
Q. सदन संचालन में अनुभव भी जरूरी है, अपनी ताकत किसे मानते हैं?
A. राजनीति से पहले कॉलेज में प्रिंसीपल के रूप में प्रशासनिक अनुभव रहा है। सबको साथ लेकर काम करने का अनुभव भी है। विकास की सोच, सबको साथ लेकर चलने की क्षमता ही मेरी ताकत है।
Q. विधानसभा अध्यक्ष का पद चुनौती पूर्ण भी है, क्या रणनीति रहेगी?
A. विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अब जो भी मर्यादाएं और परंपराएं रही हैं, उनका पालन करते हुए काम करेंगे। नियमों, परंपराओं का अध्ययन कर इस दायित्व का निष्ठा व ईमानदारी के साथ निर्वहन किया जाएगा।
Q. संवैधानिक पद की बड़ी जिम्मेदारी दी है, आप कैसे निर्वहन करेंगे?
A. मैं पिछले पांच चुनाव जीत कर विधानसभा में पहुंचा हूं। इसलिए सदन में पक्ष-विपक्ष को कैसे साथ लेकर चलना है, इससे भली-भांति परिचित हूं। पूर्व विधानसभा अध्यक्षों के अनुभवों का भी लाभ लूंगा।