अजमेर के सांसद व भाजपा के कद्दावर नेता सांवरलाल जाट ने 22 मई 2017 को कानस गांव को गोद लिया था। इस योजना के तहत सांसद जाट की अध्यक्षता में दो बैठकें भी हुई। पहली बैठक 6 जून 2017 को हुई इसमें जिले के तमाम सरकारी अधिकारियो को गांव विकसित करने का प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए गए। इसके बाद दूसरी बैठक 11जुलाई 2017 को हुई। इन दोनो बैठकों में करीब पांच करोड़ रुपए के कुल 45 प्रस्ताव पारित किए गए। सांसद जाट के प्रयासों से सरकारी मशीनरी कानस गांव का स्वरूप बदलने में जुट भी गई थी। कानस गांव को घर घर पेयजल लाइन से जोड़ दिया गया था। सडक़ें बनवाई गई। विद्युत स्टेशन शुरू करवा दिया गया लेकिन इसी बीच संासद सांवरलाल का निधन हो गया तथा विकास को दौड़ रही सरकारी मशीनरी एकाएक ठंडी पड़ गई। जाट के निधन के बाद से आज तक किसी अधिकारी ने कानस गांव जाना तक उचित नहीं समझा। प्रदेश में सियाशी फेरबदल के साथ ही कानस गांव को आदर्श सांसद गांव बनाने की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।
सरपंच संजू देवी की मानें तो सांसद सांवरलाल जाट के रहते करीब ढाई करोड़ के काम करा दिए गए लेकिन उनके निधन के बाद काम रोक दिया गया। उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि कानस गांव के घर घर तक पानी पहुंचाना रही। सडक़ें, नालियां बनाई गई। मनरेगा में कामों को गति मिली। इसी तरह से पीने के पानी की 80 लाख की योजना सांसद जाट की प्रमुख उपलब्धि कही जा सकती है। इसके टेन्डर हो गए हैं तथा काम होने की उम्मीद है। लेकिन पंचायत के लीला सेवड़ी व नेडलिया गांव में तो अभी तक पानी नहंी पहुंचा है। इसी तरह से 65 लाख की लागत से कानस पंचायत का नया भवन सांसद योजना में ही बन पाया है।