इंजीनियरिंग कॉलेज में मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, सिविल और अन्य ब्रांच में बी.टेक स्तर के कोर्स संचालित हैं। कम्प्यूटर साइंस, डिजिटल कम्यूनिकेशन, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और प्रोडक्शशइन इंजीनियरिंग में एम.टेक कोर्स संचालित हैं। कॉलेज ने साल 2016 में नए पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) को प्रस्ताव भेजा था। इसका कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला है।
पीजी स्तर पर प्रस्तावित कोर्स -नैनो टेक्नोलॉजी-सोलर एनर्जी एन्ड रिन्यूएबल सोर्स
-मैनेजमेंट विद एन्टप्रन्योरशिप-एन्वायरमेंटल इन्फॉरमेटिक्स -मास्टर इन ग्रीन आर्किटेक्ट-एप्लाइड केमिस्ट्री एन्ड फोरेंसिंक साइंस ना एक्रिडिटेशन ना प्रोफेसर
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च, तकनीकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए नैक/नैब (नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन) मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया है। राज्य में अजमेर सहित किसी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज को ग्रेडिंग नहीं मिली है। निजी कॉलेज भी इनमें शामिल है। वर्ष 1996-97 के बाद खुले इंजीयनियरिंग कॉलेजों में किसी ब्रांच में प्रोफेसर नहीं है। रीडर और लेक्चरर के भरोसे कॉलेज संचालित हैं।
नियमों में दें शिथिलता परिषद के नियमानुसार कॉलेजों में पीजी पाठ्यक्रमों के लिए संबंधित ब्रांच में प्रोफेसर और ग्रेडिंग आवश्यक है। लिहाजा बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज ने परिषद से नियमों में शिथिलता देने की गुजारिश भी की है। इस पर भी फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।