नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी और इसके समकक्ष संस्थानों में प्रवेश के लिए सीबीएसई जेईई मेन्स परीक्षा कराता है। इनमें से 2.24 लाख विद्यार्थी आईआईटी में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस परीक्षा देते हैं। इसी तरह कॉलेज-यूनिवर्सिटी में व्याख्याता बनने के लिए सीबीएसई नेट-जेआरएफ परीक्षा कराता है।
पहले यह परीक्षा यूजीसी कराती थी। साथ ही स्कूल स्तर पर शिक्षकों की पात्रता के लिए भी सीटेट परीक्षा सीबीएसई ही कराता है। एआईसीटी, यूजीसी और अन्य संस्थाएं भी गेट, क्लेट और अन्य प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करती हैं।
अब एनटीए कराएगी परीक्षा
केंद्र सरकार ने सभी प्रवेश एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाने का फैसला किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इंजीनियरिंग, मेडिकल, नेट-जेआरएफ, गेट सहित अन्य परीक्षाओं का जिम्मा एजेंसी को सौंपेगी। नियमानुसार केंद्र सरकार अधिसूचना जारी करेगा। इसके बाद एजेंसी यह परीक्षाएं कराएंगी। संभवत: 2019 में होने वाली परीक्षाएं यह एजेंसी करा सकती है।
ऑनलाइन एग्जाम पर जोर.. इस वर्ष होने वाले जेईई एडवांस की तरह अब सभी प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं ऑनलाइन हो सकती हैं। इनमें जेईई मेन्स, नेट-जेआरएफ, सीटेट,सीमेट और अन्य परीक्षाएं शामिल हैं। सरकार का मानना है, कि ऑनलाइन परीक्षा होने से परिणाम निकालने में कम वक्त लगेगा। साथ ही संस्थाओं में दाखिले त्वरित हो सकेंगे।
अब तक सीबीएसई के पास जिम्मा नेट जेआरएफ, जेईई मेन्स, नीट और अन्य दाखिला परीक्षा अब तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कराता रहा है। पिछले 50 साल से बोर्ड के पास ही यह परीक्षाएं कराने की जिम्मेदारी है। सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन ही प्रवेश परीक्षाएं कराने के लिए किया है। इसको अगले साल या इस बार होने वाली एकाध परीक्षा की जिम्मेदारी दी जा सकती है। टेस्टिंग एजेंसी के कामकाज संभालने के बाद सीबीएसई के पास सिर्फ बारहवीं और दसवीं की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी रह जाएगी।
सीबीएसई से ज्यादा जुदा नहीं सरकार ने भले ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बना दी है, लेकिन इसका कामकाज सीबीएसई से ज्यादा जुदा नहीं होगा। परीक्षाओं का पैटर्न और तरीका कुछ बदल सकता है। ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं।