यूं तो जिले में जून अंत में ही बरसात की शुरुआत हो गई, पर मानसून जुलाई के प्रथम सप्ताह में सक्रिय हुआ है। जिले में 1 जून से 4 जुलाई तक महज 35 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इसके बाद 5 से 7 जुलाई तक मानसून के जिले के पीसांगन, अजमेर, ब्यावर, रूपनगढ़, पुष्कर को झमाझम बरसात से भिगोया। इससे बरसात का आंकड़ा बढकऱ 89.2 मिलीमीटर तक पहुंच गया। इसके बाद 8 से 24 जुलाई तक मानसून सुस्त सा रहा। इस दौरान कुछेक जगह टपका-टपकी (rain shavers) का दौर चला। बारिश का आंकड़ा 160.72 मिलीमीटर तक पहुंचा।
पांच दिन में बदला नजारा
मानसून 25 से 29 जुलाई तक जिले पर मेहरबान रहा। पीसांगन, मांगलियावास, भिनाय, अजमेर, केकड़ी, पुष्कर और अन्य इलाकों में जमकर पानी बरसा। इस दौरान 157.83 मिलीमीटर बारिश (barish in ajmer) हुई। खाली पड़े कई तालाबों (ponds)और बांधों (dams), एनिकट (anicutt) में पानी की आवक हुई। इससे बरसात का आंकड़ा बढकऱ 318.55 मिलीमीटर तक पहुंच गया।
जुलाई तक सर्वाधिक बारिश 1 जून से 31 जुलाई तक जिले में इस बार सर्वाधिक बारिश (maximum rain) हुई है। जहां साल 2017 में इस अवधि में 287.7 मिलीमीटर बरसात हुई थी। जबकि 2018 में बरसात का आंकड़ा 203.28 मिलीमीटर था। इस बार यह 318.55 मिलीमीटर है। हालांकि औसत बारिश का आंकड़ छूने के लिए अभी 231.34 मिलीमीटर बारिश की और जरूरत है। मानसून के लिहाज से अभी अगस्त (august)और सितंबर (september) ही बचे हैं।
छितराए बादल, धूप-छांव
शुक्रवार को सुबह से बादलों और सूरज (sun) में लुकाछिपी का दौर चला। हवा चलने के बाद भी मौसम में हल्की गर्माहट रही। सुबह आसमान में बादल मंडराते नजर आए। हवा चलने से गर्मी महसूस नहीं हुई। बादलों की ओट में छिपा सूरज कई बार तांक-झांक करता दिखा। इससे मौसम में हल्की गर्माहट महसूस हुई। शहर और जिले में कहीं तेज बरसात या फुहारें तक नहीं पड़ी है।