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MDSU: तुरन्त करना होगा ये काम, वरना अप्रेल से नहीं मिलेंगे वेतन-भत्ते

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अजमेरMar 24, 2019 / 06:20 am

raktim tiwari

mds univsrity problem

अजमेर.
वित्त वर्ष 2019-20 का लेखानुदान पारित नहीं होने से महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। विश्वविद्यालय ने राजभवन को पत्र भेजा है। इसमें बजट स्वीकृति अथवा डीन कमेटी को अधिकृत करने का आग्रह किया गया है। उधर कर्मचारी संघ पदाधिकारियों ने भी राज्यपाल से मुलाकात करने का फैसला किया है।
विश्वविद्यालय में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए लेखानुदान पारित किया जाता है। लेखानुदान में संभावित परीक्षात्मक आय, वेतन-भत्ते, विभिन्न मद में खर्चे शामिल होते हैं। इसके लिए कुलपति ही अधिकृत होते हैं। उनकी अध्यक्षता में वित्त विभाग लेखानुदान पारित कर सरकार को भेजता है। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर बीते वर्ष 11 अक्टूबर से राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। यह रोक अब तक जारी है। नियमानुसार कुलपति ही वित्त वर्ष 2019-20 का लेखानुदान पारित करने के लिए अधिकृत हैं।
मार्च तक स्वीकृत है बजट
मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 का लेखानुदान पिछले साल जनवरी-फरवरी में ही पारित किया गया था। इसकी अवधि 31 मार्च तक है। 1 अप्रेल से नया वित्त वर्ष प्रारंभ होगा। विश्वविद्यालय को वेतन-भत्ते चुकाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हाल में कुलसचिव ने कुलाधिपति एवं राज्यपाल कल्याण सिंह को पत्र भेजकर लेखानुदान पारित करने अथवा डीन कमेटी को अधिककृत का आग्रह किया है। उधर कर्मचारी संघ पदाधिकारियों ने भी राज्यपाल से मुलाकात करने का फैसला किया है।
ऊंट के मुंह में जीरा

विश्वविद्यालय को सरकार से सालाना 3 करोड़ 60 लाख रुपए ही अनुदान मिलता है। जबकि शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, सेवानिवृत्त कार्मिकों की पैंशन के रूप में विश्वविद्यालय को प्रतिमाह दो करोड़ रुपए देने होते हैं। पूर्व में आयोजित पीटीईटी, बीएसटीसी, आरपीएमटी, पीसीपीएमटी और अन्य परीक्षाओं से हुई आय विश्वविद्यालय की भविष्य निधि के रूप में संचित है। इसके चलते उसका कामकाज चल रहा है।

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