विश्वविद्यालय के एक्ट 7 (1) के तहत प्रबंध मंडल (board of manament)का गठन किया गया है। सभी शैक्षिक, प्रशासनिक फैसले, नियुक्तियां, दीक्षान्त समारोह
(convocation), डिग्रियों (degree) का निर्माण और अन्य कार्य प्रबंध मंडल लेता है। कुलपति की अध्यक्षता वाले प्रबंध मंडल में विधानसभा (state assembly) द्वारा नियुक्ति दो विधायक (MLA), राज्यपाल (governor) एवं राज्य सरकार के प्रतिनिधि (एक-एक), विश्वविद्यालय कोटे से दो प्रोफेसर (professor), एक डीन (faculty dean) के अलावा उच्च शिक्षा, वित्त, योजना विभाग के प्रमुख सचिव, कॉलेज शिक्षा निदेशक सदस्य होते हैं।
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Big issue: मुश्किल में एमडीएस यूनिवर्सिटी, कार्यक्रम पर लटकी तलवार ये है प्रबंध मंडल की स्थिति प्रबंध मंडल (बॉम) में सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाशचंद्र त्रिवेदी और जायल विधायक मंजु देवी सदस्य हैं। इनके अलावा प्रो. प्रवीण माथुर डीन कोटे और प्रो. शिवदयाल सिंह शिक्षक कोटे से सदस्य हैं। बॉम में प्रोफेसर कोटे से एक पद पहले ही रिक्त है। आगामी 30 जुलाई को प्रो. शिवदयाल का बॉम सदस्य और प्रो. माथुर का बतौर डीन कार्यकाल खत्म हो जाएगा। विश्वविद्यालय में 2020 तक प्रो. शिवदयाल ही एकमात्र डीन रह जाएंगे।
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Performance report: यूनिवर्सिटी में नहीं अच्छे रिसर्च, पानी और ऊर्जा संरक्षण में पीछे कुलपति के बगैर नियुक्ति मुश्किलविश्वविद्यालय एक्ट के मुताबिक कुलपति ही बॉम सदस्यों (प्रोफेसर कोटे) और संकायवार डीन की नियुक्तियों के लिए अधिकृत हैं। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) की रोक के चलते 2 अगस्त तक कोई कामकाज नहीं कर सकते हैं। यहां कुलसचिव (registrar) पद भी रिक्त है। मौजूदा वक्त वित्त नियंत्रक (finance controller) भागीरथ सोनी ही कार्यवाहक कुलसचिव हैं। इन विपरीत परिस्थितियों के चलते अगस्त में विश्वविद्यालय की परेशानियां बढऩा तय है।