डॉ. भार्गव ने कहा कि कामकाजी महिलाएं भी अपने कार्यस्थल पर छेड़छाड़ का शिकार होती हैं। अजमेर के एक थाने में तैनात महिला कांस्टेबल इसका उदाहरण है। उन्होंने बताया कि पुलिस लाइन में महिला पुलिसकर्मियों से बातकर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया। इसमें सामने आया कि महिलाएं कई मर्तबा अपने अधिकारी की छेड़छाड़ का शिकार होती है। उन्होंने महिला पुलिस कर्मियों को आवाज उठाने और आलाधिकारी से शिकायत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि एसपी राजेन्द्र सिंह से मुलाकात में प्रकरण को संज्ञान में लाकर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। एसपी सिंह ने भी आरोपित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
महिला बंदियों के हाल खराब डॉ. भार्गव ने अजमेर सेंट्रल जेल में महिला बंदियों से भी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि जेल में अभी 28 महिला बंदी हैं। महिला बंदियों के बैरक के हालात देखे। बैरक में साफ-सफाई का अभाव होने के साथ सीलन का माहौल भी एक सजा है। बैरक में मौजूद कम्बल गीले मिले। वहीं कार्यवाहक जेलर को साफ-सफाई के अलावा महिला बंदियों के क्रिएटिव आर्ट सिलाई, बुनाई की व्यवस्था करने के आदेश दिए।
क्रिएटिव आर्ट की ट्रेनिंग भार्गव ने बताया कि राजस्थान की कई जेलों में महिला कैदियों को क्रिएटिव आर्ट सिलाई, बुनाई इत्यादि की ट्रेनिंग दी जाती है , इसी तरह अजमेर में भी महिला कैदियों की क्रिएटिविटी को उजागर करने के लिए यहां भी एसे प्रायोजन किए जाएंगे जिससे उन्हें कला कौशल सीखने को मिले।