इस बार जून के अंत में ही बरसात की शुरुआत हो गई, पर मानसून जुलाई के दूसरे सप्ताह से सक्रिय हुआ। जिले में 1 जून से 25 जुलाई तक 203.82 मिलीमीटर बारिश ही सकी। बाद में जगह झमाझम तो कहीं बौछारों का दौर चला। सिंचाई विभाग ने 31 अगस्त तक 281.2 मिलीमीटर बरसात दर्ज की। इसके बाद मानसून फिर सुस्त हो गया। 8 और 9 सितम्बर को ताबड़तोड़ बरसात हुई तो आंकड़ा 302 मिलीमीटर के आसपास पहुंचा। इसके बाद करीब 10 दिन में कहीं नहीं बरसी। पिछले दिनों चक्रवाती तूफान डे कारण बौछारें पड़ी। इसके बावजूद बारिश का आंकड़ा 353 मिलीमीटर से आगे नहीं बढ़ पाया।
मानसून की सूखी विदाई
मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। आषाढ़, सावन और भादौ बीत चुके हैं। आसोज के भी तीन दिन निकल गए हैं। सिंचाई विभाग की मानें तो 1 जून से 30 सितम्बर तक महज 355 मिलीमीटर बरसात हुई है। जबकि जिले की औसत बरसात के 550 मिलीमीटर है। पुष्कर सरोवर में भी कम पानी की आवक हुई है।
किसको मानें सही… सिंचाई विभाग जयपुर रोड और मौसम विभाग रामगंज में है। दोनों विभाग बरसात रिकॉर्ड करते हैं। सिंचाई विभाग ने इस बार करीब 355 और मौसम विभाग ने करीब 390 मिलीमीटर बरसात मापी है। दोनों के वर्षा मापी यंत्र अलग-अगल क्षेत्रों में है। ऐसे में कौनसे आंकड़े को सही माना जाए यह जल संसाधन और सिंचाई विभाग को तय करना है।
कहां कितनी बारिश (मिमी में)
अजमेर 318 , श्रीनगर 144, , गेगल 187, पुष्कर 435, गोविन्दगढ़ 230, बूढ़ा पुष्कर 158 , नसीराबाद 375, पीसांगन 475, मांगलियावास 380, किशनगढ़ 350, बांदरसिदरी 102, रूपनगढ़ 324, अरांई 575, ब्यावर 625, जवाजा 465, टॉडगढ़ 223.1, सरवाड़ 535, गोयला 440.1, केकड़ी 401.9, सावर 255.3,, भिनाय 470.1, मसूदा 280.5, बिजयनगर 451, नारायणसागर 425
सात साल में औसत बरसात
(1 जून से 30 सितम्बर)
2012-520.2
2013-540
2014-545.8
2015-381.44
2016-512.07
2017-450
2018-355