कॉलेज को 14 साल से बार कौंसिल ऑफ इंडिया
(bar council of india) से स्थाई मान्यता नहीं मिली है। इसको हर साल महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) से सम्बद्धता लेनी पड़ती है। सम्बद्धता पत्र (affilliation letter)और निरीक्षण रिपोर्ट बार कौंसिल ऑफ इंडिया को भेजी जाती है। कौंसिल की मंजूरी के बाद प्रथम वर्ष
(first year) में दाखिले होते हैं। इसके तहत बीती 9 जुलाई को विश्वविद्यालय की टीम कॉलेज का निरीक्षण कर चुकी है। विश्वविद्यालय का सम्बद्धता पत्र बार कौंसिल ऑफ इंडिया को भिजवाया जा चुका है।
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सीएम गहलोत के आने की खबर पर एयरपोर्ट पर दौड़े आए कलक्टर और एसपी नहीं कर सकते दाखिले बीसीआई (BCI) को दी गई अंडर टेकिंग के अनुसार सरकार (sate govt) को अजमेर सहित अन्य लॉ कॉलेज में स्थाई प्राचार्य (principal), पर्याप्त व्याख्याता (lecturer) और स्टाफ और संसाधन जुटाने हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय का सम्बद्धता पत्र भिजवाना है। सरकार और विश्वविद्यालय स्तर पर दोनों काम अटके हैं। मौजूदा सत्र के 61 दिन (दो माह) बीत चुके हैं। कॉलेज को अब तक प्रवेश की इजाजत नहीं मिली है।
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सोफिया कॉलेज की नवनिर्वाचित प्रत्याशियों ने मोमबत्तियां जलाकर ली शपथ संसाधन और शिक्षकों की कमी यूजीसी
(ugc) के नियमानुसार किसी भी विभाग में एक प्रोफेसर (professor), दो रीडर (reader) और तीन लेक्चरर (lecturer) होने चाहिए। लॉ कॉलेज में प्राचार्य सहित सात शिक्षक हैं। मौजूदा वक्त एक शिक्षक डेप्युटेशन (deputation) पर जयपुर तैनात है। उसकी पगार (salary)कॉलेज से उठ रही है। एक महिला शिक्षक अवकाश पर हैं। कॉलेज में शारीरिक शिक्षक (physical teacher), खेल मैदान, सभागार, और अन्य सुविधाएं नहीं हैं।
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Ajmer News – Dargah : बुर्के में पहुंचीं अभिनेत्री शिवानी, दरगाह में कराया मैकअप हर साल की मुसीबत कॉलेज में प्रथम वर्ष के दाखिलों
(admssion process) में प्रतिवर्ष विलंब हो रहा है। विश्वविद्यालय के निरीक्षण और सम्बद्धता पत्र जारी करने में देरी (late admission) दाखिलों की अनुमति अक्टूबर से दिसंबर के दौरान मिलती रही है। इससे विद्यार्थी (students)और कॉलेज (college) भी परेशान है। विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम पूरा कराने के लिए प्र्रथम वर्ष की अतिरिक्त कक्षाएं भी लगानी पड़ रही हैं।