जबकि इससे पूर्व मृतक की पत्नी नाथी देवी बावरिया ने थाने में रिपोर्ट देकर ओम रावत के साथ कैलाश का झगड़ा होने पर उसके द्वारा मारपीट एवं गले में रस्सा बांधकर अधमरा छोड़कर भागने एवं अगले दिन सुल्तान रावत व उसके बहनोई द्वारा कैलाश को जबरदस्ती गाड़ी में ले जाकर मारपीट करने से मौत होना बताया था। पुलिस ने धारा 115(2), 120(2), 352, 140(3), 103 (1), 3(5) बीएनएस 2023 व 3(2) (वीए) एसटी एससी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर डोडियाना में दफनाए गए कैलाश के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया था।
पुलिस टीम का गठन
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार विश्नोई ने अलग-अलग टीमों का गठन किया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने शनिवार को घटना का खुलासा करते हुए बताया कि अनुसंधान में नाथी की ओर से आरोपित तीनों नाम झूठे पाए गए। घटना के दिन कैलाश का पत्नी के साथ झगड़ा हुआ था। नाथी व उसकी मां मीरा से अलग-अलग पूछताछ की गई। घटना के दिन कैलाश की अपने भाई राजू से कई बार मोबाइल पर बातचीत होना पाया गया। राजू से पूछताछ करने पर उसने सच्चाई उगल दी। मृतक कैलाश की पत्नी नाथी के देवर राजू से अवैध संबंध थे। राजू ने कैलाश को किस्तों पर मोटरसाइकिल दिलाई थी। 26 जुलाई को कैलाश, नाथी व उसकी मां ने साथ बैठ कर शराब पी। उसके बाद कैलाश व राजू में फोन पर गाली-गलौच हुई थी। इसके बाद देवर राजू एवं पत्नी नाथी ने कैलाश को मारने का प्लान बनाया था। शराब के नशे में लड़ते-झगड़ते नाथी व उसकी मां मीरा ने रस्सी से कैलाश का गला दबा कर हत्या कर दी। अपना अपराध छुपाने के लिए ओम सिंह, सुल्तान व घासीराम पर हत्या का आरोप लगाकर प्रकरण दर्ज करवा दिया।
आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने जांच के बाद शनिवार को डाबला की ढाणी निवासी नाथी बावरिया, मृतक की सास मीरा व नाथी के देवर बाडी घाटी निवासी राजू को गिरफ्तार कर लिया।