जिले की औसत बरसात (1 जून से 30 सिंतबर तक) 550 मिलीमीटर मानी जाती है। कम बारिश और अलनिनो प्रभाव (elnino effect) के चलते जिले ने पिछले सात साल से औसत बरसात (average rainfall) का 550 मिलीमीटर का आंकड़ा नहीं छू सका था। इस बार 17 अगस्त को ही जिले ने 550 मिलीमीटर बरसात (barish) को पार कर लिया। जिले में अब 10 प्रतिशत बरसात ज्यादा हो चुकी है।
बंपर बरसात से किसानों के चेहरे खिल चुके हैं। कृषि उपनिदेशक (agriculture deputy director) वी.के.शर्मा ने बताया कि अच्छी बरसात से ज्वार, बाजरा और मंूग की पैदावार बढ़ेगी। अगेती फसल का उत्पादन (crop cultivation) बढ़ेगा। पशुपालन को भी बढ़ावा मिल सकेगा। कायड़ गांव के किसान कान्हाराम ने बताया कि पिछले कई साल में पर्याप्त बरसात हुई है। अब खेतों में खड़ी फसल और बीज से पैदावार (bumper crop) बढ़ सकेगी।
अजमेर 669, श्रीनगर 401.5, गेगल 366, पुष्कर 771, गोविंदगढ़ 361, बूढ़ा पुष्कर 412, नसीराबाद 575, पीसांगन 674, मांगलियावास 580, किशनगढ़ 627, बांदरसींदरी 156, रूपनगढ़ 563, रूपनगढ़ 438.5, ब्यावर 691, जवाजा 537, टॉडगढ़ 706, सरवाड़ 642, गोयला 478, केकड़ी 738, सावर 360.1, भिनाय 699, मसूदा 406, बिजयनगर 623, नारायणसागर 4480
आनासागर 15, फायसागर 16.7, पुष्कर 28, फूलसागर कायड़ 8.0, रामसर 7.9, शिवसागर न्यारा 15.8, राजियावास 5.9, मकरेड़ा 12.0, गोविंदगढ़ 2.0, अजगरा 9.11, ताज सरोवर अरनिया 13.9, मदन सरोवर धानवा 12.3, मुंडोती 3 मीटर, पारा प्रथम 11.3, पारा द्वितीय 9.2, नाहर सागर 3.52 मीटर, डेह सागर बड़ली 12.7, न्यू बरोल 6, मान सागर जोताया 7.6, लसाडिय़ा 12.4, बिसंूदनी बांध 11.9, नारायण सागर खारी 4.0