अजमेर के आनासागर झील
(anasagar lake )में बांडी नदी
(bandi river) उफनती हुई पानी पहुंचाती है। आनासागर से उफनता पानी एस्केप चैनल से होता हुआ खानपुरा तालाब से पीसांगन और गोविंदगढ़ पहुंचता है। यहां से पानी मारवाड़ (marwar) का रुख करता है। पिछले तीन दिन तक हुई झमाझम बरसात
(heavy rain in ajmer) से ऐसा ही कुछ हाल हुआ। इंद्रदेव ने बिलाड़ा के जसवंतसागर बांध (jaswant sagar) की झोली भर दी। इसमें सबसे ज्यादा योगदान अजमेर का रहा। आनासागर का पानी उफनता-उफनता मारवाड़ तक पहुंच गया। आगे यह पानी बाडमेर (barmer) और अन्य जिलों तक पहुंच चुका है।
read more:
Bisalpur dam: 315 का आंकड़ा छूने की तैयारी में बीसलपुर बांध यूं पहुंचा आनासागर का पानी आनासागर का पानी आने से पीसांगन-बुधवाड़ा में सागरमती नदी (sagramati river) में घोड़ा वाला मार्ग टूट गया है। यहां नूरियावास, दांतड़ा संपर्क सडक़ पर भी बहाव तेज है। हनवंतपुरा गांव में एनिकट छलक पड़ा। रामपुरा डाबला में खेजड़ा नाडी की चादर चल रही है। यही पानी आगे बढ़ता हुआ पाली (pali), जोधपुर (jodhpur) और बाडमेर (barmer)-जालौर (jalore)-सिरोही (sirohi) तक पहुंच चुका है।
read more:
अजमेर: जूनिया और पुष्कर में बाढ़ के हालात, डूबने से दो की मौत, खोले आनासागर चैनल के दो चैनल गेट बांडी नदी है प्रमुख स्त्रोतनाग पहाड़-अरावली (aravalli) से निकलने वाली बांडी नदी
(bandi river) दरअसल कई जिलों को संजीवनी (water increase) देती है। यह अजमेर से होते हुए नागौर (nagaur) जिले के कुछ हिस्से छूती हुई पाली,जोधपुर और आगे तक जाती है। कहीं-कहीं थार रेगिस्तान (thar desert) के अंदरूनी इलाकों (अब लुप्त) से होते हुए इसे पाकिस्तान (pakistan) तक जाना भी बताया गया है।
read more:
Heavy rain in ajmer: जूनिया और पुष्कर में बाढ़ के हालात अजमेर के जलाशयों का हालजोताया के मानसागर तालाब में भी पानी की आवक (water level) जारी है। श्रीनगर में पनेर नदी सहितनालेश्वर महादेव मंदिर पास स्थित झरना, सुनारी गाल, गुच्छी तालाब की चादर (water flows) चल रही है। किशनगढ़ के गूंदोलाव झील, हमीर तालाब, निकटवर्ती भोजियावास, रलावता तालाब छलकना जारी है। अजमेर में आनासागर झील के चैनल गेट (channel gate) से पानी उफन रहा है। वैशाली नगर-आंतेड़ इलाके में बरसों बाद झरना तेज रफ्तार से छलक रहा है। माकड़वाली, होकरा, गगवाना, गेगल, घूघरा, कांकरदा भूणबाय, भिनाय, बांदनवाड़ा, नसीराबाद, मांगलियावास,बिजयनगर में भी कई बड़े और छोटे तालाबों (small ponds), एनिकटों की चादर चल रही है।