कहा कि मोदी सरकार के जुमले इस कदर हावी है कि उन्हें पता नहीं कि वह क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं। कोरोना काल के दौरान पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से लाखों लोग मर गए और उनका कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा।आपदा के समय में भी उन्होंने ना सिर्फ ऑक्सीजन जैसी अति आवश्यक चीज पर, बल्कि मेडिकल पर भी भारी मात्रा में वैट लगा कर जनता की जान को जोखिम में डाला है।
यह सरकार सत्ता में रहने के हर हथकंडे अपना रही है। यही कारण है सरकार की ओर से जासूसी का प्रकरण जो सामने आया है। जिसमें 80 से अधिक पत्रकारों ने इसकी पुष्टि की है। नैतिकता के आधार पर मोदी सरकार को इस्तीफ ा दे देना चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा संसद भवन में जब सांसदों की टेपिंग कराई गई थी, तो उस समय भी उन्होंने संविधान में आस्था रखते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था।
मोदी सरकार को चाहिए कि जासूसी प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कारवाई की जाए। मगर खास बात यह है कि यह जासूसी ना सिर्फ राजनीतिक पार्टी, न्यायिक अधिकारी, सीबीआई बल्कि हर खास महकमे की उनके द्वारा कराई गई है। जिसके अंतर्गत बंद मोबाइल अपने आप खुल जाता है और फोटो और बातें रिकॉर्ड होकर सेव हो जाती हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गहलोत और पायलट को लेकर जल्द ही अटकलें दूर होंगी। हाईकमान कोई बेहतर रास्ता निकालेगा। आरपीएससी भर्ती पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के संज्ञान में यह प्रकरण है और वे इसकी जांच कराकर कार्रवाई करेंगे। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता दुर्गादत्त शास्त्री, अतुल कुमार भार्गव, प्रवक्ता धनैश जैन, धर्मेश शर्मा, श्यामू शर्मा, भगवान सिंह कुशवाह, पंकज तिवारी मुख्य रूप से उपस्थित थे।