मुज्जिमल ने बताया कि संचालक (society owner) ने पिछले साल नगीना बाग के निकट दफ्तर पर ताला (lock on office) लगा दिया। वे कई बार दफ्तर (office) पहुंचे पर यह बंद ही मिला। उन्होंने सोसायटी संचालक के लौटने का इंतजार भी किया। इस दौरान कई बार मोबाइल (cell phone) पर संपर्क भी किया पर कोई जवाब नहीं मिला। लिहाजा उन्होंने अदालत में इस्तगासा दायर कर कोतवाली थाना पुलिस को शिकायत दी है। मुज्जिमल एक कमेटी द्वारा संचालित स्कूल में कार्यरत है।
फर्जी सोसायटी/संचालक (fake society) लोगों को रुपए दोगुना-चौगुना होने का लालच देकर फांसते हैं। दिहाड़ी मजदूर, लदान श्रमिक और निजी क्षेत्रो में छोटे पदों पर कार्यरत कर्मचारी (small and medium class) इनके झांसे में आकर रुपए जमा कराते हैं। सोसायटी संचालक लाखों-करोड़ों रुपए जमा होते ही भाग जाते हैं। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (adarsh credit cooperative society) सहित कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद लोग फर्जी बचत/साख समितियों (chit fund society) के चक्कर में गाढ़ी कमाई को दांव पर लगा रहे हैं।