Ajmer News. चौपहिया वाहन मालिक अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन की दुकान से मुफ्त राशन नहीं ले सकेंगे। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने परिवहन विभाग से ट्रेक्टर और वाणिज्य श्रेणी के वाहनों को छोड़ कर प्रदेश के समस्त चौपहिया वाहन मालिकों के आधार कार्ड का ब्यौरा मांगा है। जिसकी पड़ताल कर ऐसे लोगों को योजना से बाहर निकाला जाएगा। इसी के साथ जिला व उपखण्ड मुख्यालयों पर एनएफएसए में लम्बित आवेदनों के त्वरित निस्तारण, बच्चों और विवाहित महिला का नाम लाभार्थी राशन कार्ड में जोड़ने की कवायद शुरू करने को भी मंजूरी दी गई है।
प्रमुख सचिव ने जारी किए आदेश
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए. सावंत ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र लोगों को शामिल करने के लिए प्रदेश में जिला कलक्टर व जिला रसद अधिकारियों को अपात्र लाभार्थियों के निष्कासन का अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसमें ट्रेक्टर व वाणिज्य वाहनों को छोड़ अन्य चौपहिया वाहन मालिकों को ‘अपात्र’ की श्रेणी में रखा है। सावंत ने परिवहन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा से राज्य के फेर-व्हीलर वाहन मालिकों के नाम व उनके आधार नंबर की सूची मांगी है। जिसके जरिये ऐसे लोगों के नाम एनएफएसए से हटाए जा सकें। ये भी पढ़ें…
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एनएफएसए के लाभार्थी के राशन कार्ड में नाम जोड़ने व हटाने के लिए पूर्व में मिले आवेदन पत्रों की जांच और निस्तारण की कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए हैं। ऐसे आवेदन पत्रों का निस्तारण जिला कलक्टर की देखरेख में एडीएम करेंगे। पहले चरण में ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की तर्ज पर 18 साल की उम्र तक बच्चे, विवाहिता के नाम जोड़े व निकाले जाएंगे। पहले चरण का पेंडेंसी खत्म होने पर दूसरा चरण शुरू होगा। आवेदन में कमी पूर्ति 30 दिन में करनी होगी। दस्तावेजी साक्ष्य नहीं होने पर आवेदन निरस्त होगा।
गलत सूचना पर होगी कार्रवाई
आवेदन स्वीकार से पूर्व विभागीय अधिसूचना में निष्कासन श्रेणी के मापदंड का ध्यान रखा जाएगा। गलत तथ्य पेश कर नाम जुडवाने पर आवेदन निरस्त कर नियमानुसार वसूली और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरण से पूर्व ई-केवाईसी की जाएगी।
इनका कहना है…
मुख्यालय ने एनएफएसए में लंबित आवेदनों के निस्तारण के आदेश दिए हैं। पात्र को लाभ देने के लिए अपात्रों को निकाला जाएगा। चौपहिया वाहन मालिक अपात्र मानते हुए योजना से हटाए जाएंगे। हेमन्त आर्य, जिला रसद अधिकारी-द्वितीय, अजमेर