झरने के नाम पर लाखों रुपए डाले पानी में आनासागर के किनारे चौपाटी निर्माण के दौरान आरएसआरडीसी ने सर्किट हाउस के नीचे झरना स्थापित किया था। इसके लिए लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन पिछले कई महीनों से यह झरना बंद पड़ा है। इससे न तो झील में ऑक्सीजन पहुंच रही है और न शहरवाही ही इसका आनंद ले पा रहे हैं। पूर्व में इसे सेल्फी प्वाइंट के नाम पर प्रचारित किया गया था।
फेल हो गया निगम का जुगाड़
झील के पानी में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए कुछ दिन पूर्व नगर निगम ने भी जुगाड़ कर फाउंटेन लगाए थे। फाउंटेन के सहारे ही रंगबिरंगी लाइटें भी लगाई गई थी। रंगबिरंगी लाइटों के बीच फाउंटन चलने से अलग ही नजारा नजर आता है साथ ही झील के पानी में भी ऑक्सीजन पहुंची थी,लेकिन कई महीनों से निगम का यह जुगाड़ भी फेल हो गया है।
दान की कद्र नहीं,हटा दिया जेट फाउंटेन
जिले की एक सीमेंट कम्पनी ने झील के लिए 30 फीट ऊ ंचा जेट फाउंटन दान दिया था। इसमें लगी 30 एचपी मोटर पानी को ऊंचाई पर फेंकती थी। यह फाउंटेन कुछ दिन चला लेकिन बाद में यह जेट फाउंटेन ही हटा दिया गया।
एरिएशन प्लांट,फ्लोङ्क्षटग फाउंटन चलाए कौन
झील में पानी की शुद्धता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एरिएशन प्लांट चौपाटी परिसर में स्थापित किया गया था। एडीए इसका संचालन कर रहा था लेकिन इसका ठेका पिछले साल समाप्त हो गया। एरिएशन प्लांट का संचालन व रखरखाव नगर निगम को करना है लेकिन एडीए द्वारा कई पत्र लिखने के बावजूद निगम इसके संचालन को तैयार नहीं है। एडीए ने झील में चौपाटी के किनारे 14 फ्लोटिंग फाउेंटन लगाए थे, इसका भी ठेका एक वर्ष पूर्व समाप्त हो चुका। इन फाउंटेन को टेकओवर करने के लिए एडीए नगर निगम को कई बार पत्र लिखा चुका है लेकिन नगर निगम लेने को तैयार नहीं है।