खास शौक क्या है?
केवल संगीत सुनने का शौक है। जब भी फुर्सत में होता हूं तो पुराने गीत सुनना पसंद करता हूं। किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, मुकेश, लता मंगेशकर आदि के गाने ही पंसद करता हूं।
आईपीएस बनने की कैसे सोची? मेरे पिताजी प्रांतीय वन सेवा में रहे हैं। उनकी इच्छा थी कि मैं सिविल सर्विसेज में जाऊं । मैं खुद कम्प्यूटर के क्षेत्र में कुछ करना चाहता था लेकिन पिताजी की इच्छा पूरी करने के लिए मैंने दिल्ली जाकर आईपीएस की तैयारी की। हालांकि इलाहाबाद में जब आठवीं की पढ़ाई कर रहा था तब स्कूल कैप्टन के रूप में भी मैंने पुलिस के जैसी ही वर्दी पहनी थी। मूलत: हम लालगंज (रायबरेली) के रहने वाले हैं लेकिन कभी पहाड़ी इलाके में तो कभी मैदानी इलाके में रहने का मौका मिला।
सबसे बड़ी चुनौती क्या मानते हैं? पुलिस वाले दिन रात काम करते हैं। अपने परिवार के साथ त्योहार तक नहीं मना पाते। लाख मेहनत करते हैं फिर भी लोगों का विश्वास नहीं जीत पा रहे और लोगों के बीच अच्छा नाम नहीं कमा पा रहे। आमजन के मन में अच्छी छवि बनाना ही पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
मेरा मानना है कि पुलिस में करप्शन अलग तरीके का है। यहां कोई भी करप्शन ऐसा नहीं है जो लोगों को परेशान किए बिना हो सके। नियमों की पालना नहीं करने पर किसी को तंग किया जाता है, तो वह अपने बचाव के लिए पुलिसवाले को पैसे का लालच देता है। तंग से मेरा मतलब किसी की गाड़ी रोक कर कागज या हेलमेट के लिए पूछना है। यह पुलिस की ड्यूटी है लेकिन गाड़ी चालक पुलिस वाले को सौ रुपए देकर चालान से बचने का रास्ता निकालता है। ऐसा करके वह उसे बिगाड़ देता है। अगर वह चालान कटवाने के लिए तैयार हो जाए तो पुलिस वाले की हिम्मत नहीं है कि वह उससे एक रुपया भी ले ले। ऐसे में मेरा मानना है कि जो लोग पुलिस को पैसा देकर बच रहे हैं वे सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। पुलिस में भी कुछेक लोग ही हैं जो इस तरह का कृत्य करके पूरे पुलिस सिस्टम को बदनाम करके रखते हैं। इसके लिए लोगों को ही जागरुक होना होगा। ऐसे पुलिस वालो को सामने लाना होगा जो चालान काटने की बजाय पैसे लेने को तैयार हो जाते हैं।
अजमेर के लोगों में क्या देखा? यहां के लोग जागरुक हैं, पढ़े-लिखे और समझदार हैं, अपने अधिकारों को समझने वाले हैं। हालांकि अन्य बड़े शहरों की तरह यहां भी इंफॉरमेशन शेयरिंग की कमी है। लोगों के पास कई तरह के चैनल हैं, उनके जरिए उन्हें अपने आस-पास हो रही प्रॉब्लम्स को शेयर करना चाहिए। अगर वो चाहते हैं कि उनकी पहचान उजागर नहीं हो तो उसकी भी व्यवस्था है। यहां के लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि हम कमियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, हम पर विश्वास करें।