विश्वविद्यालय में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए सालाना लेखानुदान पारित किया जाता है। लेखानुदान में संभावित परीक्षात्मक आय, वेतन-भत्ते, विभिन्न मद में खर्चे शामिल होते हैं। इसके लिए कुलपति ही अधिकृत होते हैं। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर हाईकोर्ट की पाबंदी के चलते वार्षिक लेखानुदान पारित नहीं हो पाया। राजभवन ने बीती मार्च में स्टाफ की तनख्वाह और भत्तों सहित पेंशन की स्वीकृति के लिए डीन कमेटी को अधिकृत किया। कमेटी के अप्रेल से जून तक का लेखानुदान पारित करने के बाद ही स्टाफ को वेतन-भत्ते मिल पाए हैं।