कर दिया हंगामा
परिवारजनों ने चिकित्सा स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। इससे माहौल गरमा गया। मामले की जानकारी मिलने पर शहर व सदर थाना पुलिस अस्पताल पहुंची। बालिका के शव को चीरघर में रखवाया गया है। जिसका सोमवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
खेत में कर रहे थे कार्य
जानकारी अनुसार ग्राम जौहरखेड़ा में परिवार के लोग खेत पर काम कर रहे थे। चार वर्षीय परी खेत पर खेल रही थी। इस दौरान एकाएक मधुमक्खियों ने वहां मौजूद लोगों पर हमला बोल दिया। इससे किरण, उसकी बेटी परी व जसवीर घायल हो गए। मधुमक्खियों ने वहां पर काम कर रहे अन्य लोगों पर भी हमला किया लेकिन वे मौके से भाग गए।
जांच कर दवा देने का आग्रह किया
किरण, परी व जसवीर को लेकर परिवार के लोग राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय पहुंचे। जहां पर परी ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। परिवारजन का आरोप था अस्पताल में भर्ती परी की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उन्होंने कम्पाउंडर को जांच कर दवा देने का आग्रह किया। लेकिन कम्पाउडर ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और गुस्सा करते हुए उन्हें रवाना कर दिया। बाद में परी की मृत्यु हो गई।
अस्पताल का माहौल गरमाया
परिवारजन ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध शुरू कर दिया। इससे अस्पताल का माहौल गरमा गया। मामले की जानकारी मिलने पर शहर थानाधिकारी विजयसिंह मय पुलिस जाप्ते के अस्पताल पहुंचे। विरोध को देखते हुए सदर थाना पुलिस भी अस्पताल पहुंची। करीब तीन घंटे तक विरोध प्रदर्शन चला। परिवारजन ने पुलिस को शिकायत दी है। शव को चीरघर में रखवा दिया है। पीएमओ डॉ. सुरेन्द्रसिंह चौहान, डॉ. पी.एम बोहरा, डॉ. सुनिल कुमावत ने इस मामले की जानकारी ली। अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है।
परिजनों की मांग, करें निलंबित
परिजनों ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्टाफ को निलंबित करने की मांग की है। बालिका के साथ मौजूद सुनिता ने बताया कि बालिका को ज्यादा परेशानी होने लगी तो कम्पाउडर को जाकर कहा। कम्पाउंडर यह कहकर टालते रहे कि बार- बार परेशान मत करो, आप समझते नहीं हो।
सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग
परिजन का आरोप है कि स्टाफ मोबाइल देखने में व्यस्त था। एक घंटे तक बालिका परेशान होती रही। समय पर उपचार नहीं मिलने पर उसने दम तोड़ दिया। बालिका के परिजन ने रविवार दोपहर दो से चार बजे तक के सीसीटीवी फुटेज की जांच तथा ड्यूटी से अनुपस्थित स्टाफ व लापरवाही बरतने वालों को सस्पेंड करने की मांग की।
मां ने अपने पर ले ली बला पर…
जब परी पर मधुमक्खियों ने हमला किया तो मां उसे गोद में लेकर पानी मे कूद गई। ताकि मधुमक्खियों के हमले से उसे बचा सके। ममता ने अपनी बेटी को बचाने के लिए खुद पीड़ा सहन कर ली। ममता के तमाम प्रयास के बावजूद परी नहीं बच सकी।