ज्ञापन (Memorandum) में किसानों ने बताया कि लगातार बारिश होने से सरवाड़ उपखंड में मूंग, उड़द, ज्वार, कपास, बाजरा, तिल आदि फ सलों में भारी खराबा होने से किसानों को आर्थिक नुकसान (Economic crisis) झेलना पड़ा है। किसानों को महंगे बीज, खाद-दवाइयां, जुताई-बुवाई आदि खर्च की भरपाई नहीं हो सके गी। रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हो गया है। फ सले नष्ट होने से पशुओं के लिए चारे का भी प्रबंध करना मुश्किल हो जाएगा। ज्ञापन में बताया कि फसल बीमा योजना (
Crop Insurance Policy) के तहत निजी बीमा कंपनियां किसानों के बैंक खातों से प्रीमियम राशि( Premium amount) सीधे काट लेती है, लेकिन मुआवजा (Compensation)देने के समय टालमटोल करती है। इससे उन्हें दोहरा नुकसान झेलना पड़ता है। बैंक निर्धारित दरों से ज्यादा प्रीमियम राशि काट रही है। सुनवाई नहीं करने पर किसान सडक़ों पर उतरेंगे। इस दौरान बालूराम भींचर, विजेंद्र सिंह राठौड़, कल्याण सिंह सोलंकी, दयाल कमेडिय़ा, बक्सा राम गुर्जर, राजेश धाकड़, गणेश मेवाड़ा, नंदलाल खटीक, महावीर प्रजापत, उमराव नायक, रामकुमार जाट, प्रवीण चौधरी, रामराज जाट, हुकमाराम गुर्जर सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।