पौधे आने वाली पीढिय़ों के लिए उपहार महानिरीक्षक पुलिस एस. सेंगाथिर ने कहा कि हरीतिमा विकसित करने के लिए प्रत्येक स्तर पर कार्य होने चाहिए। पर्यावरण के प्रति वर्तमान में जागरूकता बढ़ी है। इससे पर्यावरण का संरक्षण करके आने वाली पीढिय़ों को स्वच्छ पृथ्वी का उपहार प्रदान कर सकते हैं। संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन सामान्य बात हो गई है। ठंडे क्षेत्रों के देश भी लू की चपेट में आ रहे हैं। यह प्रकृति द्वारा मानव समाज को चेतावनी है।
बच्चों की तरह बड़ा करें पौधे विशिष्ट न्यायाधीश रतन लाल मुंड ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं को जन्म देता है। इससे बचने के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है। अधिकाधिक पौधे लगाकर पर्यावरण को संतुलित किया जा सकता है। पौधों को बच्चे की तरह बड़ा करना होता है।
पर्यावरण में संरक्षण में सीआरपीएफ का योगदान अहम सीआरपीएफ जीसी.2 के उप महानिरीक्षक पुखराज जयपाल ने कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल पर्यावरण संरक्षण में अपनी विशेष भूमिका निभता रहा है। समूह केन्द्र.2 परिसर में हजारों पेड़ इसका सबूत है। इन औषधीय पौधों को लगाने के साथ इनका संरक्षण कर उपयोग में भी लिया जाएगा। सीआरपीएफ के कमांडेंट महेन्द्र कुमार ने कहा कि एक अगस्त को सीआरपीएफ का स्थापना दिवस है। जीसी.2 परिसर में चार सौ से अधिक मोर है। इसी प्रकार अन्य पक्षी और वन्य प्राणी भी है। परिसर में हरियाली होने के कारण ही ये प्राणी यहां रह रहे हैं।
2.45 लाख पौधे बाटेंगे मुख्य वन संरक्षक एम.सी. गुप्ता ने कहा कि घर-घर औषधि योजना के अन्तर्गत जिले के 2 लाख 45 हजार 783 चिन्हित परिवारों को 19 लाख 66 हजार 264 औषधीय पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। गिलोय, तुलसी, कालमेघ एवं अश्वगंधा घर पर ही होने से सहज उपलब्ध औषध के रूप में कार्य करेगी। इनके उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी।
किया पौधारोपण उपवन संरक्षक सुनिल चिद्री ने कहा कि औषधि योजना के अन्तर्गत जिले के चिन्हित परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंचाए जाएंगे। इसमें प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय तथा कालमेघ के औषधीय महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार द्वारा पेम्पलेट भी दिए जा रहे हैं। इस अवसर पर अधिकारियों ने परिसर में पौधारोपण भी किया।