राजस्थान पत्रिका की वजह से आज पहली बार पापा के साथ ऑफिस में बैठने का मौका मिला। पापा से कानूनी फाइलों और किताबों के रख-रखाव, केस डायरी मैनटेन और अपडेट रखने के कार्य को समझा। इसके साथ ही पापा ने मुझे दावा पेश करने और अदालत में बयान इत्यादि लेने जैसे महत्वपूर्ण कार्य को समझाया। टफ जॉब है लेकिन इंट्रेस्टिंग है।
जोशा मम्मी के कार्यालय आकर देखा तो काफी अच्छा लगा। यहां ऑफिस में काफी काम रहता है, लेकिन इससे मेरा मनोबल बढ़ा है और मैं भी आगे चलकर शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी अधिकारी बनूंगी।
——————————-
—————————-
मैं बड़ी होकर मेरे पापा की तरह ही पुलिस की ऑफिसर बनूंगी बड़े-बड़े चोर और बदमाशों को पकड़कर हवालात में बंद करूंगी। एक छोटी सी शुरुआत. बिटिया के हौसले को परवान चढ़ाने की. इस बार 16 सितम्बर से 22 सितम्बर के मध्य किसी भी एक दिन अपने कार्य स्थल पर
साथ लाएं अपनी 8 से 19 वर्ष तक की बेटियों को . उसे मौका दीजिए आपकी तरह आपके काम को समझने और निर्णय करने का. उसके इस अद्वितीय अनुभव को लिख कर हमें उसकी फोटो के साथ अवश्य भेजिए . हम इसे साझा करेंगे अपने करोड़ो सुधी पाठकों के साथ.
फोटो भेजने के लिए क्लिक करें -: http://daughter.patrika.com
या
सोशल मीडिया पर हैशटैग #BitiyaAtWork या #DaughterAtWork लिखकर पोस्ट कीजिए