इन बैंकों में प्रबंधक मंडल चेयरमैन पद पर नियुक्ति राजनीतिक होने के कारण सरकार की नीति प्रभावित होने का खतरा बना हुआ है। देशभर के सहकारी बैंकों के साथ अजमेर जिले के 13 अजमेर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक एवं करीब इससे संबद्ध करीब 173 सहकारी समितियों में 1000 व 500 के पुराने नोट जमा एवं बदलवाने पर प्रतिबंध के चलते किसानों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है।
जिले में सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव की करीब 13 शाखाएं हैं, जिनमें करोड़ों रुपए की जमाएं हैं। अगर इससे जुड़े ग्राहकों की बात करें तो शहरी क्षेत्रों सहित ग्रामीण क्षेत्र के एक लाख व्यक्तिगत खाते हैं और करीब 80 हजार किसानों के खाते भी हैं। इसके बावजूद जिले के किसानों के 500 व 1000 रुपए के नोट इन बैंकों में जमा नहीं हो रहे हैं न नोट बदलने व्यवस्था की गई है।
जिले में यहां हैं 13 शाखाएं अजमेर शहर में 2, अरांई, ब्यावर, भिनाय, बिजयनगर, केकड़ी, किशनगढ़, मसूदा, नसीराबाद, पीसांगन, पुष्कर, सरवाड़ में एक-एक सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की शाखा हैं। सहकारी बैंकों पर पड़ा असर-नहीं बदले जा रहे किसानों के पुराने 500 व 1000 के नोट
-खाताधारक किसान व अन्य ग्राहक बैंकों की साख को लेकर चिंतित -नए ग्राहकों के लिए करनी पड़ सकती है मशक्कत इनका कहना है.. मामला पूरे देश का है। मुख्यमंत्री की ओर से भी आरबीआई को पत्र लिखा गया है। सीसीबी की शाखाओं पर किसानों को परेशानी हो रही है। इस भेदभाव नीति के विरोध में फैडरेशन ने 25 नवम्बर से हड़ताल की चेतावनी दी है।
मदनगोपाल चौधरी, चेयरमैन, सीसीबी अजमेर फैक्ट फाइल 300 करोड़ की जमाएं 339 करोड़ का ऋण बकाया 13. सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक जिले में 173 संबंद्ध सहकारी समितियां20 मार्केटिंग भंडार व अन्य सोसायटियां