पिछले साल 27 सितंबर को महिला और बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज का संयुक्त दीक्षांत समारोह (common function) हुआ था। इसमें केंद्रीय परियोजना परामर्शदाता (टेक्यूप-तृतीय) प्रो. प्रकाश मोहनराव खोडक़े, एआईसीटीई के प्रतिनिधि प्रो. राजपाल दहिया, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम (NIT Sikkim) के निदेशक प्रो. एम. सी. गोविल शामिल हुए थे। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज 19 अगस्त को अपने दीक्षांत समारोह का पृथक आयोजन करेगा। यहां भी विभिन्न कमेटियां बनाई गई है। यहां भी छात्राओं को सफेद सलवार सूट या सफेद साड़ी (white saree) पहननी होगी।
मांग के अनुसार नहीं मिल रहे विद्यार्थी
औद्योगिक मांग (industry demand) के अनुसार संस्थान विद्यार्थी तैयार नहीं कर रहे हैं। महज तीस फीसदी विद्यार्थियों को मुश्किल से रोजगार (jobs) मिल रहा है। सत्तर फीसदी नौजवानों का शैक्षिक, तकनीकी और अन्य पैमाने पर खरे नहीं उतरना चिंताजनक है। इसे बदलने की जरूरत है। यह बात केंद्रीय परियोजना परामर्शदाता (टेक्यूप-तृतीय) प्रो. प्रकाश मोहनराव खोडक़े ने पिछले साल महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित उपाधि वितरण समारोह में कही थी। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा था कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा (competition) में युवाओं को खुद को बनाए रखना चुनौतिपूर्ण है। पिछले दस-बीस साल में देश में भरपूर स्कूल, कॉलेज, उच्च, तकनीकी शिक्षण संस्थान खुले, लेकिन महज 23 प्रतिशत छात्र-छात्राओं को ही इनमें पढऩे का अवसर मिल रहा है।