तटवर्ती गांवों को खाली कराया उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार को चंबल का जलस्तर बढक़र 144.60 पहुंच गया था। ऐसे में गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। धौलपुर, सरमथुरा, बाड़ी, राजाखेड़ा, सरमथुरा व बसेड़ी क्षेत्र के सौ से अधिक गांवों में पानी घुस गया। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से चंबल के तटवर्ती गांवों को खाली कराया गया।
राहत पहुंचाने के प्रयास कलक्टर जायसवाल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों राजाखेड़ा, बाड़ी व सरमथुरा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव में राहत पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे है। जिले के तहसीलदार, ग्राम विकास अधिकारी तथा पटवारी को पूरी तरह से अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए गए है। इसी बीच शुक्रवार को चंबल का जल स्तर घटने के साथ ही प्रशासन ने राहत की सांस ली। लेकिन शनिवार को हाडौती क्षेत्र लगातार हो रही बारिश और काली सिंध व पार्वती नदी से पानी छोड़े जाने के बाद चंबल का जलस्तर बढऩा शुरू हो गया है। शनिवार को दोपहर से देर शाम तक चंबल नदी का जलस्तर 1.60 मीटर बढक़र 141.60 पर पहुंच गया।
प्रशासन अलर्ट मोड़ पर जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि चंबल नदी का जलस्तर अभी और बढक़र करीब 142 मीटर को पार कर सकता है। इसे लेकर प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है। प्रशासन की ओर से 23 टीमें बचाव कार्य के लिए लगाई गई है। नदी में पानी की आवक बढऩे की संभावना के चलते गांवों में भी अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा चंबल के बढऩे पर पूर्व मेें ही कुछ गांवों को खाली कराया जा चुका है।