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अजमेर

CBSE: कॉपियों की जांच ना ट्रांसपोर्ट खर्चा, बचेंगे करोड़ों रुपए

बोर्ड के सौ साल के इतिहास में यह पहला साल है जबकि कोरोना संक्रमण के कारण दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द की गई हैं।

अजमेरJun 03, 2021 / 08:12 am

raktim tiwari

cbse exam 2021

cbse exam 2021

अजमेर.

दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द होने से सीबीएसई को फायदा होगा। बोर्ड का कॉपियां के मूल्यांक मूल्यांकन, पारिश्रमिक और ट्रांसपोर्ट खर्चे बचेंगे। सत्र 2020-21 में विद्यार्थियों से मिला परीक्षा शुल्क बोर्ड की बचत बढ़ाएगा।
ब्रिटिशकाल में 1921 में उत्तर प्रदेश में बोर्ड ऑफ हायर एवं इंटरमीडिएट एज्यूकेशन (अब सीबीएसई) की स्थापना की गई थी। 1930 में पहली बार आयोजित परीक्षा मुश्किल से दो ढाई हजार विद्यार्थी बैठे थे। बीते 90 साल से सीबीएसई दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं का आयोजन कर रहा है। विद्यार्थियों का आंकड़ा बढ़ते हुए 32 लाख तक पहुंच चुका है। बोर्ड के सौ साल के इतिहास में यह पहला साल है जबकि कोरोना संक्रमण के कारण दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द की गई हैं।
यूं होते हैं प्रिंटिंग और अन्य खर्चे
सीबीएसई दसवीं और बारहवीं में प्रति विद्यार्थी 1500 रुपए शुल्क लेता है। प्रतिवर्ष दसवीं और बारहवीं के विषयवार पेपर और आवश्यकतानुसार 5 से 10 करोड़ कॉपियां प्रिंट कराता है। पेपर और कॉपियों की प्रिंटिंग के बाद इन्हें राष्ट्रीयकृत बैंकों के लॉकर में रखवाने और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने और रीजनल सेंटर्स तक वापस मंगवाने के खर्चे होते हैं। यह राशि करीब 30 से 35 करोड़ रुपए तक होती है।
ये हैं मूल्यांकन के खर्चे
बोर्ड स्कूल और कॉलेज के सेवारत और सेवानिवृत्त शिक्षकों से दसवीं और बारहवीं की कॉपियों का मूल्यांकन कराता है। कॉपियां क्षेत्रीय कार्यालयों अथवा स्कूल में केंद्रीयकृत मूल्यांकन होता है। शिक्षकों को 14 से 20 रुपए प्रति कॉपी मूल्यांकन के पारिश्रमिक दिया जाता है। प्रतिवर्ष मूल्यांकन राशि के एवज में 10 से 15 करोड़ रुपए खर्च होता है। इसमें सप्लीमेंट्री परीक्षा अथवा किसी विद्यार्थी के रिवेल्यूएशन कराने पर दो या तीन विशेषज्ञों से कॉपी जंचवाने का खर्च भी शामिल है।
बोर्ड की बढ़ेगी बचत
सीबीएसई एक तयशुदा फार्मूले के तहत दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करेगा। इससे सेंटर्स पर कॉपियां और पेपर भेजने-मंगवाने और मूल्यांकन के करीब 25 से 30 करोड़ रुपए बचेंगे। बोर्ड दसवीं और बारहवीं में उन्हीं विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराएगा जो प्रमोशन फार्मूले से खुश नहीं होंगे। ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 1 या 1.5 लाख से ज्यादा नहीं होगी। इसके अलावा सप्लीमेंट्री परीक्षा में 50 हजार से 1 लाख विद्यार्थियों के बैठने के आसार हैं।
सीबीएसई: फैक्ट फाइल
-1921 में उत्तर प्रदेश में बोर्ड ऑफ हायर एवं इंटरमीडिएट एज्यूकेशन की स्थापना
-1930 में 70 हाई स्कूल और 12 इंटरमीडिएट कॉलेज की कराई परीक्षा
-90 साल से लगातार परीक्षा कराने वाला देश का एकमात्र बोर्ड
-2021 में दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं रद्द, प्रमोट फार्मूला होगा लागू
-बारहवीं में 14,30,243, दसवीं में 21,50,761 विद्यार्थी पंजीकृत (2021 में)

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