सीबीएसई (cbse) के पूर्व में नई दिल्ली (new delhi), प्रयागराज (pryagraj), अजमेर
(ajmer), चेन्नई (chennai), देहरादून (dehradun), गुवाहाटी (guwahati), पंचकुला (panchkula), पटना (patna), तिरुवनंतपुरम (thiruvanantpuram) और भुवनेश्वर (bhuvneshwar)रीजन शामिल थे। बोर्ड ने फरवरी में बेंगलूरू (bengluru), चंडीगढ़ (chandigarh), भोपाल (bhopal), नोएडा (noida), पुणे (pune) एवं दिल्ली वेस्ट (delhi west) शामिल हैं। इन नए रीजन को पुराने रीजन के कई स्कूल सौंप दिए गए हैं।
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बोले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा- एक छत के नीचे होंगी सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं अब गुजरात-राजस्थान के स्कूल अजमेर रीजन
(ajmer region) में सत्र 2018-19 तक राजस्थान (rajasthan), गुजरात (gujrat), मध्यप्रदेश सहित दादर नागर हवेली क्षेत्र के स्कूल शामिल थे। बोर्ड ने मध्यप्रदेश के स्कूल को नवसृजित भोपाल रीजन (bhopal region) और दादर नागर हवेली को नवसृजित पुणे रीजन (pune region) से जोड़ दिया है। इससे अजमेर रीजन से करीब 1.50 लाख विद्यार्थी कम हो गए हैं। अब अजमेर रीजन में राजस्थान और गुजरात के स्कूल ही रह गए हैं।
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बदलते रहे जनप्रतिनिधि व अधिकारी, लेकिन नहीं बदला यहां का वक्त सीबीएसई के लिए खास रहा है अजमेरब्रिटिशकाल में 1921 में उत्तर प्रदेश में बोर्ड ऑफ हायर एवं इंटरमीडिएट एज्यूकेशन (board of higher and intermediate education) की स्थापना की गई थी। इसमें सेंट्रल इंडिया (central india), ग्वालियर और राजपुताना रीजन (rajputana region) शामिल था। तत्कालीन सरकार ने 1929 में बोर्ड ऑफ हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट एज्यूकेशन राजपुताना की स्थापना की। इसमें अजमेर-मेरवाड़ा (ajmer merwara), सेंट्रल इंडिया और ग्वालियर (gwalior) को शामिल किया था। पहले इसका दफ्तर सुंदर विलास में था। टोडरमल लेन में इसका नया दफ्तर (मौजूदा भवन)बनाया गया। यहां तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (Dr. jakir hussain) (तब बोर्ड अध्यक्ष) भी कामकाज कर चुके हैं।