पुलिस के अनुसार मृतका पूजा के देवर लोधा मोहल्ला निवासी सुनील सिसोदिया ने बताया कि उसकी भाभी पूजा की तबीयत खराब होने पर 16 जून को सरकारी चिकित्सालय में डॉ. सुरभि गौड़ को दिखाया, जहां उसने इंजेक्शन लगाने के बाद बताया कि महिला का ऑपरेशन करना पड़ेगा।
उसने अपने निजी क्लीनिक पर 18 जून को बुलाया और ऑपरेशन किया। इसके बाद से ही पूजा के पेट में दर्द रहने लगा। हालत ज्यादा खराब होने पर उसने अन्य चिकित्सक को दिखाया जहां उसे दो दिन राजकीय सामान्य चिकित्सालय में भर्ती रखा।
जांच रिपोर्ट देखने के बाद अन्य चिकित्सक ने उसे अजमेर ले जाने को कहा। 23 जून को अजमेर के जेएलएन अस्पताल में उसे भर्ती कराया, जहां उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। उपचार के दौरान ही डॉ. विनायक गौड़ ने अजमेर आकर उपचार में दखल दिया।
उपचार के दौरान 27 जून को उसकी भाभी की मौत हो गई। महिला चिकित्सक द्वारा ऑपरेशन में लापरवाही बरतने के कारण संक्रमण फैल गया। इसके चलते उसकी मौत हो गई। महिला चिकित्सक ने ऑपरेशन के लिए 5 हजार रुपए मांगे थे, जिस पर उसे 2500 रुपए दिए थे।
शव परिजन के सुपुर्द पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजन के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने सुबह 10 बजे सरवाड़ की चिकित्सक अर्चना मित्तल के नेतृत्व में गठित मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया। परिजन व क्षेत्रवासी बिना मुआवजा शव उठाने के लिए तैयार नहीं हुए।
प्रशासन ने समझाइश का प्रयास किया। इस दौरान पोस्टमार्टम के बाद भी 6 घंटे शव पड़ा रहा। शाम 4 बजे बाद मुआवजा राशि देने को लेकर समझौता होने पर शव को घर ले जाया गया। इसके बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
महिलाओं ने लगाया जाम पोस्टमार्टम से पूर्व आक्रोशित महिलाओं ने परिजन को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कोटा मार्ग पर चिकित्सालय के चीरघर के सामने सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया। पुलिस ने परिजन से आग्रह किया कि कार्यवाही जारी है महिलाओं को जाम से हटाया जाए। इस पर परिजन की समझाइश पर महिलाओं ने जाम हटाया।