गौरतलब है कि आरोपित की पत्नी ने अपनी छोटी बहन का उदयपुर में प्रसव कराने के बाद नवजात शिशु को मुम्बई के अपने किसी परिचित को दे दिया था। मामला जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंजली शर्मा के समक्ष आने पर संज्ञान लिया। समिति ने प्रकरण को मानव तस्करी विरोधी शाखा को रैफर कर जांच के आदेश दिए। जांच में गम्भीर तथ्य सामने आने पर मानव तस्करी विरोधी शाखा की रिपोर्ट पर आदर्शनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
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जीजा का लिया नाम:
सीडब्ल्यूसी की ओर से नारीशाला भेजी गई पीड़िता के अदालत में बयान कराए। बयानों में उसने जीजा पर देहशोषण और उदयपुर में बच्चे को जन्म देने की बात कबूली। पीड़िता के बयान के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
नवजात का होगा डीएनए:
पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि पीड़िता की बड़ी बहन ने नवजात शिशु को मुम्बई के अपने परिचित को दे दिया था। पुलिस नवजात को बरामद कर उसका डीएनए टेस्ट करवाएगी।