यादव को श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है। यादव के केबीनेट मंत्री बनने से अजमेर का गौरव बढ़ा है। यादव अजमेर में ही पले-बढ़े हैं। अजमेर से नाता रखने वाले किसी नेता को पहली बार केंद्रीय केबिनेट में स्थान मिला है। खास बात यह है कि छात्र जीवन में शुरू की राजनीतिक पारी में अब उन्हें बेहतर मुकाम हासिल होने पर उनके शुभचिंतकों व मित्रों में भी खुशी की लहर है।
अभाविप से राजनीति की शुरुआत डॉ. भूपेंद्र यादव का अजमेर से गहरा नाता रहा है। उनका यहां कुंदननगर में आवास है। उन्होंने अजमेर के सेंट पॉल स्कूल में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। यादव कॉलेज में छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उपाध्यक्ष भी चुने गए। साल 2000 में उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का महासचिव नियुक्त किया गया। वर्ष 2010 में भाजपा का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। साल 2012 में वह पहली बार राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने। साल 2018 में उन्हें दोबारा राज्यसभा का सदस्य बनाया गया।
1992 में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में राजपथ पर परेड में शामिल हुए थे यादव सांसद यादव के सहपाठी मित्र हरीश बैरी ने बताया कि भूपेन्द्र यादव की याददास्त बहुत अच्छी थ,ी जिससे एक बार मिल लिए वे हमेशा नाम से पुकारते। वर्ष 1992 में नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ पर परेड में भाग लिया। अजमेर से एनएसएस के अंतर्गत दो छात्र यादव व उनका (बैरी) का ही चयन हुआ। करीब एक माह तक उनके साथ रहा। इस परेड़ में देशभर के 144 वॉलिंटियर्स का चयन हुआ था। बैरी ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय में रहते हुए राजस्थान में होने वाली सभी डिबेट (वाद-विवाद) प्रतियोगिता में जीत हासिल की।
कॉलेज मैंगजीन के छात्र संपादक भी रहे यादव : बैरी ने बताया कि भूपेन्द्र यादव राजकीय महाविद्याल की मैगजीन के छात्र संपादक भी रहे। साहित्य मंच के अध्यक्ष रहे हैं। रेलवे हॉस्पिटल में जन्मे, रेलवे क्वार्टर में बरसों तक रहे
यादव के साथ स्कूल व कॉलेज में साथ पढऩे वाले उनके मित्र जे. जे. शर्मा ने बताया कि उनके पिता रेलवे कर्मचारी रहे। करीब 40 साल की सेवाओं के दौरान भूपेन्द्र यादव का जन्म भी अजमेर के रेलवे हॉस्पिटल में 1969 में हुआ। उनका परिवार रेलवे कॉलोनी (2 नम्बर) में बरसों तक रहा। करीब 13 वर्ष पूर्व कुंदननगर स्थित मकान में वह रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे जब बी चुनाव होते हैं। तब अजमेर में मतदान करने आते हैं। शर्मा ने बताया कि यादव की खेलों में रूचि कम थी, लेकिन डिबेट में उनका नाम था। पॉलिटिकल विषय के नाते राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ थी।
लोकसभा से पायलट और जाट रह चुके हैं मंत्री अजमेर लोकसभा क्षेत्र से चुने सचिन पायलट और सांवरलाल जाट को केंद्रीय मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के रूप में मौका मिल चुका है। पायलट मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वर्ष 2009 से 2012 तक संचार राज्य मंत्री रहे। इसके बाद 2012 से 2014 तक उन्हें कॉरपॉरेट अफेयर्स मामलात मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। उनके बाद नरेंद्र मोदी सरकार में दिवंगत सांवरलाल जाट वर्ष 2014 से 2017 तक केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री रहे।
भाजपाइयों ने बांटी मिठाइयां पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि अजमेर में पले-बड़े और शिक्षा पाकर राष्ट्रीय राजनीति में महत्ती जगह बनाने वाले राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव के केंद्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने से अजमेर में विकास को पंख लगेंगे।
देवनानी ने कहा कि यादव राजस्थान की सभी स्थितियों-परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ है। इसलिए उनके मंत्री बनने का लाभ राजस्थान को भी मिलेगा। देवनानी ने उम्मीद जताई कि चूंकि यादव के पास विकास का विजन हैं,इसलिए वे अजमेर के चहुंमुखी विकास में कोई कमी नहीं आने देंगे।
देवनानी ने कहा कि यादव का छात्र जीवन अजमेर में ही बीता और उन्होंने अजमेर को अपनी कर्मस्थली बनाया। यहीं से वे छात्र राजनीति करते हुए भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हुए और देखते ही देखते अपने व्यवहार, कार्यशैली और पार्टी के प्रति निष्ठा के कारण राष्ट्रीय राजनीति में अच्छी-खासी जगह बना ली।
खुशी मनाने वालों में शहर भाजपा महामंत्री रमेश सोनी, उपाध्यक्ष आनंदसिंह राजावत, सीताराम शर्मा, सुलोचना शुक्ला, जयकिशन पारवानी, वरिष्ठ भाजपा नेता सीताराम शर्मा, राजकुमार ललवानी, राजेश शर्मा,भारती श्रीवास्तव, राहुल जयसवाल, दीपेंद्र लालवानी, महेंद्र जादम, प्रकाश बंसल, ज्ञान सारस्वत, अजय वर्मा, मनोज मामनानी, सुभाष जाटव,राजकुमार साहू, जे.के. शर्मा, राजेंद्र राठौड़, गंगाराम सैनी, रमेश चैलानी,रूबी जैन, अतीश माथुर, वीरेंद्र वालिया,धर्मेन्द्रसिंह चैहान, धर्मेश जैन, अरविंद यादव, श्रीकिशन सोनगरा, अनीश मोयल, रचित कच्छावा, संदीप गोयल, शफी क खान आदि शामिल रहे।