अजमेर सहित जयपुर और टोंक जिले के शहरी और ग्रामीण इलाके पूर्णत: बीसलपुर (bisalpur) बांध पर निर्भर हैं। पिछले साल कम बरसात (low rainfall) के चलते बीसलपुर बांध खाली रह गया था। इसके चलते विभाग (phed) ने बीते वर्ष सितंबर-अक्टूबर से ही 72 घंटे के अंतराल में पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी थी। बांध में बीती 25 जुलाई तक महज 304.40 आरएल मीटर बचा था। बांध से प्रतिदिन अजमेर को 260, जयपुर को 400 और टोंक को 20 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही थी। 26 से 29 जुलाई तक टोंक, केकड़ी, भीलवाड़ा और चित्तौडगढ़़ में हुई बरसात के बाद बांध का जलस्तर 306.76 आरएल मीटर तक पहुंचा। इसके बाद महज 16 दिन की बरसात ने बांध को लबालब कर दिया है। बांध का जलस्तर 315.36 आरएल मीटर के पार पहुंच गया है।
जुलाई में ये था हाल
जुलाई में जलदाय विभाग अजमेर जिले की आपात जलापूर्ति योजना भेजा था। इसके तहत सांदला गांव के निकट बनास नदी में 50 ट्यूबवैल (tubewell) खोदने के अलावा नई पाइप लाइन (new pipe line) डाली जानी थी। भीलवाड़ा से वाटर ट्रेन द्वारा अजमेर को पानी मंगवाना भी शामिल था। लेकिन एक महीने में हालात बिल्कुल बदल चुके हैं। अब सरकार और जलदाय विभाग को आपात कोटे के पेटे दो सौ करोड़ रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं है।
13.50 टीएमसी पानी का गणित 11 टीएमसी पानी की जयपुर (jaipur), अजमेर (ajmer), और टोंक (tonk) जिले को पेयजल सप्लाई 1.50 टीएमसी पानी प्रतिवर्ष हो जाता है वाष्पीकृत 1 टीएमसी पानी होता है चोरी और काश्तकारी (agriculutre) पेटे के उपयोग
315 यानि तीन साल का पानी…
बीसलपुर बांध का गेज तेजी से 315 आरएल मीटर के पार पहुंच गया है। अब 2021 तक जयपुर, अजमेर और टोंक जिले को पेयजल किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा। बांध के पूर्ण भराव क्षमता यानि 315.50 आरएल मीटर पर पहुंचते ही तीन साल (three years) तक पानी की किल्लत (water crisis) नहीं होगी।
कब-कब खुले बांध के गेट 2004-अगस्त में 315 आरएल मीटर से ज्यादा पानी आवक पर खोले गेट 2005-अगस्त में 315 आरएल मीटर से ज्यादा पानी आवक पर खोले गए गेट 2006-अगस्त-सितंबर में 315. आरएल मीटर पानी आवक पर नौ गेट खोले गए
2014: 315 से ज्यादा आरएल मीटर पानी आवक पर खोले गए गेट 9 अगस्त 2016: 315.30 आरएल मीटर पानी आने पर 9 गेट खोलकर 88 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया 2 सितंबर 2016: 315.50 आरएल मीटर पानी आने पर 12 गेट खोलकर 1 लाख 63 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया