कॉन्फे्रंस में पाकिस्तानी टीम (pakistan team)को भी शामिल होना है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में धारा 370 (article 370 in kashmir) हटाने के बाद से भारत-पाकिस्तान के सियासी हालात तेजी से बदले हैं। पाकिस्तानी दल को वीजा दिए जाने पर संकट मंडरा रहा है। दल में करीब पांच-छह प्रशिक्षण-निर्णायक शामिल हैं। पाकिस्तान में धारा-370 को लेकर विरोध, ब्रिटेन (britain) में भारतीय दूतावास (indian embassy) के समक्ष प्रदर्शन जैसी घटनाओं के बाद संबंध में तल्खी और बढ़ गई है।
एक तरफ पाकिस्तान खो-खो दल पर वीजा (visa problem)का संकट है। दूसरी तरफ बदले सियासी माहौल (political situatuion) में दल के अजमेर-पुष्कर (ajmer and pushkar) आने पर विरोध की संभावना भी है। मालूम हो कि ख्वाजा साहब के उर्स (khwaza garib nawaz urs) में भी बीते दो-तीन साल में ऐसी स्थिति बन चुकी है। उड़ी (uri attack), पुलवामा (pulwawa attack) और अन्य आतंकी हमलों (terrorist attack) के चलते कई बार पाकिस्तानी जायरीन (pakistani pilgrims) को अजमेर नहीं भेजा गया था। खो-खो संघ के पदाधिकारी (kho-kho officials) भी दल के अजमेर आने पर विरोध की संभावना है।
खो-खो की अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फे्रंस पुष्कर में होनी है। भारत के विभिन्न राज्यों, विदेशी मुल्कों के निर्णायक-प्रशिक्षक शामिल होंगे। पाकिस्तानी दल को भी आमंत्रित किया गया है। उनकी वीजा और अन्य समस्याएं कायम हैं। दल के आगमन की संभावना ज्यादा नहीं दिख रही है।
डॉ. असगर अली, सचिव राजस्थान खो-खो संघ