डॉ. अली ने बताया कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स के बाद वे हावड़ा वापस लौट जाते हैं। वहां सालभर तक सोसायटी की मेडिकल सेवाएं जारी रहती हैं। खासतौर पर बंगाल में दुर्गा पूजा उर्स जैसा ही बड़ा उत्सव होता है। इस दौरान भी सोसायटी कैंप लगाकर लोगों की सेवाएं करती हैं। इसके अलावा दिवाली के बाद छठ पूजन के दौरान भी मेडिकल चेकअप किया जाता है। अेाडिशा के धामनगर स्थित दरगाह, मोहर्रम, हिंदु धर्मावलंबियों के खास मेलों, महाकुंभ में भी जाते हैं। दल में डॉक्टर्स के अलावा इंजीनियर, सरकारी अफसर, व्यापारी, छात्र भी शामिल हैं। यह दस से पंद्रह दिन की छुट्टी लेकर लोगों को नि:शुल्क सेवाएं देते हैं।
सोसायटी हावड़ा में प्रतिवर्ष नेत्र रोगियों के लिए बड़े शिविर लगाती है। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध शंकर नेत्रालय में रोगियों के आंखों के ऑपरेशन कराए जाते हैं। सोसायटी के खुद के हॉस्पिटल भी संचालित हैं। बंगाल सहित अन्य प्रांतों के लोग यहां नि:शुल्क सेवाएं देने पहुंचते हैं।