पुलिस अधीक्षक शुक्रवार देर रात अभय कमांड सेंटर पहुंचे। उन्होंने जब दरगाह और पुष्कर के फुटेज दिखाने को कहा तो वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों ने बताया कि अभी सिस्टम पूरी तरह से चालू नहीं है। सीसीटीवी में कुछ दिखाई नहीं देने पर एसपी सिंह नाराज हुए और उन्होंने वहां कार्यरत स्टाफ से कहा कि जब सिस्टम ही काम नहीं कर रहा तो फिर आप इतने लोग यहां क्या कर रहे हो। उन्होंने 10-12 जनों को छोड़कर शेष को लाइन के लिए रवानगी दे दी।
हाल में हुआ उद्घाटन अभय कमांड सेंटर का हाल में उद्घाटन हुआ है। यहां दिल्ली, मुम्बई,
जयपुर और अन्य शहरों की तुलना में पूरे शहर पर नजर रखने के लिए हाईटेक सेंटर बनाया गया है।
अजमेर में 900 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इन कैमरों से अभय कमांड सेंटर में बैठे पुलिसकर्मी चप्पे-चप्पे पर नजर रख सकेंगे। शहर में होने वाली कोई भी आपराधिक वारदात, मेले, जुलूस, धरने- प्रदर्शन पर पुलिस की निगरानी रहेगी। कमांड सेंटर के जरिए अवांछित गतिविधियों, अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी।
तकनीकी का मिलेगा फायदा अभय कमांड सेंटर के पूरी तरह से कामकाज करने पर तकनीक का पुलिस, प्रशासन और सरकार को फायदा मिलेगा। हाईटेक कैमरे, विभिन्न एंगल में लगाए गए टीवी, अपराधियों के भागने पर विशेष रंग की कोड लाइन, मैसेज भेजने की त्वरित प्रणाली, आला अधिकारियों और थानों में तैनात स्टाफ के बीच तालमेल रखने में आसानी होगी। भविष्य में विकसित देशों की तरह प्रत्येक निजी और सरकारी वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा। इससे देश के किसी भी कोने में वाहनों की लोकेशन देखी जा सकेगी। कमांड सेंटर के लिए पुलिसकर्मियों को आईआईटी, एनआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेज सहित देश के अन्य प्रशिक्षण संस्थानों में ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी।