एक दिवसीय विशेष अभियान में एक करोड़ की कीमत के 400 मोबाइल फोन बरामद किए गए। डीआईजी ओमप्रकाश गुरुवार को रेंज कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि मुख्यालय व रेंज स्तर पर चलाए गए विशेष अभियान में मादक पदार्थ की तस्करी और साइबर अपराध पर प्रभावी कार्रवाई की गई।
यह विशेष अभियान में अजमेर रेंज स्तर पर प्रोबेशनर आईपीएस अमित जैन, शरण काम्बले व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) विजय सांखला ने मॉनिटरिंग में अहम भूमिका निभाई।
एनडीपीएस के 77 मामलों में 100 गिरफ्तार
रेंज में एनडीपीएस एक्ट में 77 प्रकरण दर्ज कर 100 से अधिक तस्करों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि अजमेर रेंज तस्करी का ट्रांजिट रूट है। मादक पदार्थ का उत्पादन मध्य प्रदेश नीमच, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ क्षेत्र में होता है। यहां से निकलने वाला अवैध मादक पदार्थ भीलवाड़ा, अजमेर. नागौर, ब्यावर से मारवाड़ पहुंचता है।
21 पुलिस अफसरों को चार्जशीट
एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि एनडीपीएस एक्ट में दर्ज प्रकरण में तस्कर नामजद होने के बाद भी पकड़े नहीं जाते। रेंज में 2023-24 में दर्ज 40 प्रकरणों की फाइल तलब कर विश्लेषण करने पर आरोपियों को नामजद मुल्जिम नहीं बनाए जाने में अनुसंधान अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही पर 21 पुलिस अफसरों को आरोप पत्र दिए गए हैं। ऐसे प्रकरणों का सीओ, एसपी व आईजी स्तर पर सुपरविजन किया जाना जरूरी है। साइबर अपराध : 8 प्रकरण में 22 गिरफ्तार
डीआईजी ओमप्रकाश ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए चलाए गए अभियान में रेंज में 280 साइबर अपराधी चिह्नित कर 8 के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। वहीं 22 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई शुरू की गई। अभियान में उनसे 31 मोबाइल फोन, 4 सिमकार्ड, 2 लेपटॉप, 41 एटीएम कार्ड व लग्जरी कार बरामद की गई। इसके अलावा 17 करोड़ रुपए अब तक हॉल्ड किए जा चुके हैं।
एक दिन में 446 मोबाइल बरामद
डीआईजी ने बताया कि 22 जनवरी को चोरी-खोए मोबाइल फोन के लिए एक दिवसीय रेेंज स्तरीय अभियान चलाकर 446 मोबाइल फोन बरामद किए गए। इसमें अजमेर जिले में 166, नागौर में 97, डीडवाना-कुचामन में 60, टोंक में 50, भीलवाडा में 44 व ब्यावर जिले में 29 मोबाइल बरामद किए गए। जिनकी कीमत एक करोड़ रूपए से अधिक है। बरामद मोबाइल उनके मालिकों को लौटाने की प्रक्रिया की जा रही है।
236 पुलिसकर्मी पदोन्नत
डीआईजी ने कहा कि कानून व्यवस्था की ड्यूटी में व्यस्तता के चलते पुलिसकर्मियों का मनोबल ऊंचा रखना जरूरी है। दो माह में पुलिस मुख्यालय से समन्वय स्थापित कर अजमेर रेंज के 236 पुलिसकर्मियों को उनके लम्बित टेस्ट आयोजित कर पदोन्नति दी गई। इसमें 91 हैडकांस्टेबल को सहायक उप निरीक्षक, 145 सिपाही को हैडकांस्टेबल पदोन्नत किए। नागौर में 8 साल से पदोन्नति प्रकरण अटके थे। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी खासतौर पर वृद्धजन को टारगेट करते हैं। ऐसे में रेंज में मंदिर व उद्यान में सुबह-शाम वृद्धजन को जागरूक कर साइबर अपराध में कमी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें प्रोबेशनर आईपीएस अमित जैन व शरण काम्बले के नेतृत्व में जयपुर और सवाईमाधोपुर से साइबर अपराधियों को दबोचने की कार्रवाई की गई।