निगम में अवैध स्थायी निर्माण की शिकायत होने पर इसकी जांच के बाद अतिक्रमी को नोटिस दिया जाता है। नोटिस के जवाब और ऐसे मामलों में विधिक स्थिति का परीक्षण करने पर अवैध निर्माण होना पाए जाने पर निगम की ओर से उसे ध्वस्त किया जाता है। जानकारी के अनुसार अतिक्रमी के खिलाफ परिवाद दायर कर अतिक्रमण तोडऩे और मलबे को हटाने का खर्चा वसूला जा सकता है। ऐसे मामलों में जुर्माने की राशि 20 हजार रुपए तक हो सकती है। लेकिन निगम के सूत्र स्वीकार करते हैं कि यह प्रकिया काफी जटिल और लंबी होने से इसे अपनाया नहीं जाता।
– आनासागर लिंक रोड पर नाले के पास कोठरी। – आतेड़ की बगीची के पास सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण।
– वैशाली नगर गौरव पथ पर निर्मित चारदीवारी। इनका कहना है…
नगर निगम क्षेत्र में स्थायी अवैध निर्माण हटाने पर नियमानुसार जुर्माना वसूला जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जा रहा है तो जुर्माना वसूली शुरू की जाएगी।