शहर में जवाहर लाल नेहरू मिशन के तहत 2002-2007 तक 207 और आरयूआईडीपी के तहत 2008 -2012 तक 90 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई गई। निगम को सीवरेज हस्तांतरित होने पर निगम ने जलदाय विभाग के 50 हजार उपभोक्ताओं के सरचार्ज को जोडऩे के लिए पत्र लिखा। इस पर जलदाय विभाग ने सीवरेज चार्ज वसूलना शुरू कर दिया। इसमें से कई क्षेत्र ऐसे थे जहां पर सीवरेज लाइन मुख्य रोड तक बिछा दी गई, लेकिन गलियों में सीवरेज लाइन बिछाई नहीं गई। इसके बावजूद उपभोक्ताओं से सीवरेज चार्ज वसूला जा रहा है।
फैक्ट फाइल
– 42 हजार सीवरेज कनेक्शन हो चुके है शहर में
– 50 हजार के सीवरेजच ार्ज जुड़वाने के लिए था लिखा – 12 हजार उपभोक्ता हटवा चुके है सीवरेज चार्ज
– 2 से 3 हजार उपभोक्ता है जिनके आ रहा सीवरेज चार्ज
– 33 प्रतिशत सीवरेज चार्ज पानी के बिल में आता है जुडकऱ
————- डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की वसूली जलदाय विभाग की ओर वर्ष 2017 से पानी के बिल में सीवरेज चार्ज जोड़ कर भेजा जा रहा है। तीन साल में करीब डेढ़ करोड़ रुपए उन उपभोक्ताओं से वसूले गए हैं जहां सीवरेज नहीं पहुंची है। उपभोक्ताओं के आवेदन के बाद उनके सरचार्ज जोडऩा तो बंद कर दिया गया लेकिन अब तक वसूली गई राशि लौटाने को लेकर कोई जानकारी नहीं है। हालांकि नगर निगम ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर उक्त राशि को समायोजन करने की मांग की है। इस संबंध में जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता सीएल जाटव से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।
यूं हटवा सकते है सीवरेज चार्ज जिन उपभोक्ताओं के सीवरेज लाइन नहीं है वहां के उपभोक्ता नगर निगम में पानी के बिल की कॉपी और एक आवेदन सीवरेज शाखा में जमा करा सकते है। यहां से जलदाय विभाग के पास इसे भेजा जाएगा। फिर वहां से सीवरेज चार्ज हटा दिया जाएगा।
बिना सीवरेज वसूला जा रहा सरचार्ज इन्होंने बताई पीड़ा…
हमारे घर के आस-पास कहीं पर सीवरेज लाइन नहीं है। इसके बावजूद पानी के बिल में सीवरेज चार्ज जुडकऱ आ रहा है। – प्रेमचंद शर्मा, बालुपुरा रोड नगरा
पानी के बिल में दो साल से सीवरेज चार्ज जुडकऱ आ रहा है। उसे हटवाने के लिए नगर निगम में भी दो बार फोटोकॉपी देकर आ चुका हूं, लेकिन अभी सीवरेज चार्ज नहीं हटा
– सुनील छत्री, गुरुनानक कॉलोनी धोलाभाटा इनका कहना है… नगर निगम की ओर सीवरेज कनेक्शन दिए गए है। सीवरेज चार्ज के तहत वसूली गई राशि को नगर निगम को दिए जाने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
– चिन्मयी गोपाल, आयुक्त नगर निगम