अजमेर नगर निगम 2008 में बनाया गया। इसके बाद महापौर का पद अनूसूचित जाति की महिला के लिए पहली बार आरक्षित हुआ है। इससे पहले वर्ष 2000 में एससी महिला के रूप में वर्तमान विधायक अनिता भदेल नगर परिषद सभापति बनी। भदेल के सभापति रहते हुए ही विधायक बन जाने के कारण सरोज जाटव को सभापति बनाया गया।
इसके बाद वर्ष 2005 में सामान्य के नाम लॉटरी खुली। इस दौरान हुए चुनाव में धर्मेन्द्र गहलोत वर्ष 2008 तक सभापति रहे बाद में निगम के पहले महापौर बने। वर्ष 2010 में महापौर का पद एससी पुरुष के लिए आरक्षित हुआ। उस समय सीधे चुनाव में कमल बाकोलिया महापौर बने।
वर्ष 2015 में महापौर का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित रखा गया। इस बार पार्षदों के माध्यम से महापौर चुना गया। इसमें एक बार फिर वर्तमान महापौर धर्मेन्द्र गहलोत के नाम की लॉटरी खुली।
RPSC: साक्षात्कार में बदला सवाल पूछने का तरीका, अब करना होगा गहन अध्ययन इनका कहना है नगर निगम के महापौर के लिए अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। 2000 में सभापति बनी थी। इससे अन्य लोगों को भी मौका मिलेगा। अच्छे कार्यकर्ता पार्टी को मिलेंगे। बिना पार्षद के चुनाव जीते ही मेयर बनाने का फैसला सरासर गलत निर्णय है।
– अनिता भदेल, विधायक अजमेर दक्षिण