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महाराष्ट्र में सरकार बनाने से पहले ब्रह्माजी और ख्वाजा साहब से लिया आशीर्वाद इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में शिवमणि ने कहा कि गरीब नवाज के दरबार में आकर और वाद्य यंत्र बजाकर सुकून मिलता है। उन्होंने कहा कि संगीतकार ए.आर.रहमान मेरे छोटे भाई की तरह हैं और हमने साथ में काफी काम किया है। गौरतलब है कि शिवमणि जब भी दरगाह आते हैं अपने वाद्य यंत्र साथ लाते हैं। फरहान चिश्ती ने बताया कि शिवमणि ए.आर.रहमान के साथ भी दरगाह आ चुके हैं।
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देश को फैसला स्वीकार – अजमेर दरगाह दीवान न्यायपालिका की जीत अजमेर. पूरे विश्व में आस्था का केन्द्र सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दीवान सैयद जेनुअल आबेदीन अली ने कहा कि अयोध्या के बरसों पुराने विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देश के सभी लोगों को स्वीकार करना चाहिए। यह किसी पक्ष की जीत अथवा किसी पक्ष की हार नहीं बल्कि पूरी तरह से न्याय पालिका की जीत है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विवेक से जो फैसला किया है, वह सर्वमान्य है।
दरगाह दीवान ने कहा कि इस एेतिहासिक फैसले के बाद अब यह विवाद पूरी तरह खत्म हो चुका है। अब समय आ गया है कि देश की तरक्की और नई पीढ़ी की बेहतरी के लिए सभी मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि यह देश की १३३ करोड़ जनता के लिए एेतिहासिक दिन है।
अमन बनाए रखनें में करें मदद
सैयद आबेदीन अली ने कहा कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन का मौका है। वे महज सभी धर्म के लोगों को मुहब्बत, भाईचारा और एकता का संदेश देने के लिए तशरीफ लाए थे। ख्वाजा गरीब नवाज ने भी लोगों को यही पैगाम दिया। देश के सभी सम्प्रदाय के लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करें। किसी की धार्मिक आस्था को ठेस नहीं पहुंचे इसके लिए सब मिलकर पूरे विश्व में मिसाल पेश करें।
उन्होंने कहा कि देश की सभी दरगाहों के सज्जादानशीन को उन्होंने पूर्व में ही अपील जारी कर दी थी कि अपने-अपने क्षेत्र में अमन चैन बनाए रखने में मदद करें और माहौल बिगडऩे नहीं दें।