अपनी जमीन पर लोन,सरकारी जमीन पर मकान निर्माण उप निरीक्षक बालूराम ने कायड़ की शुभम कॉलोनी के खसरा नम्बर 3041 में भूंखड संख्या 53 की खरीद कर इसका वर्ष 2002 में अजमेर विकास प्राधिकरण से नियमन करवा पट्टा हासिल कर लिया। पट्टे तथा साईट प्लान पर स्पष्ट रूप भूंखड के पीछे स्कूल तथा दक्षिण दिशा में ओसीएफ (अदर कॉमन फैसिलिटी) जमीन दर्शाई गई है। इस पर बालूराम तथा गवाह के हस्ताक्षर भी है। इसी पट्टे के अधार पर बालूराम ने एसबीआई मेन ब्रांच से लोन भी उठा लिया। मामले में खास यह है कि बालूराम ने खुद के 53 नम्बर भूखंड को खाली छोड़ दिया और 54 नम्बर सरकारी जमीन (ओसीएफ) पर अतिक्रमण कर दो मंजिला मकान बना लिया। इसके साथ ही चारदीवार कर बाड़ा बना लिया और 33 केवी की हाईटेंशन लाइन को भी कब्जे में ले लिया।
खाली भूखंड पर कैसा कब्जा सरकारी जमीन पर कब्जा कर दो मंहिला भवन व बाड़ा निर्माण करने वाले बालूराम चौधरी के अनुसार मेरा भूखंड किसी अन्य के कब्जे में है। जबकि मौके पर भूखंड खाली है उस पर किसी तरह का कब्जा नजर नहीं आ रहा है। बगल में सरकारी जमीन पर बालूराम का दो मंजिला मकान है। गेट पर उनकी नेमप्लेट भी लगी हुई है। बालूराम सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने के मामले में भूलवश सरकारी भूखंड पर मकान बनाने तथा स्वयं को पाकसाफ बताते हुए प्रॉपर्टी डीलर, एडीए,अजमेर डिस्कॉम तथा पड़ोसी को जिम्मेदार बता रहे है। साथ ही वह अपने भूखंड को प्राधिकरण को भी सुपुर्द करने को भी तैयार है लेकिन जब उनका भूखंड स्वंय के पास न होकर दूसरे के कब्जे में है तो वह इसे प्राधिकरण को सुपर्द कैसे करेंगे यह स्पष्ट नहीं किया है। स्वयं के भूखंड पर अन्य के कब्जे की शिकायत न तो प्राधिकरण को दी गई और न ही थाने में ही मुकदमा दर्ज करवाया गया।