मुखबिर से मिले अहम सुराग गत दिनों पुलिस को मुखबिर से इत्तला मिली कि मेवदाकलां निवासी सुरेश धोबी व भट्टा कॉलोनी निवासी फारूक उर्फ बल्लू इस वारदात में शामिल थे। पुलिस ने सुरेश और फारूख से पूछताछ की तो उन्होंने वारदात करना कबूल कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि चोरी व छीनाछपटी के अन्य प्रकरणों में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा भट्टा कॉलोनी निवासी इंसाफ उर्फ ताला भी इस वारदात में उनके साथ शामिल था। पुलिस ने अनुसंधान के बाद सुरेश और फारूक एवं रकम की टिप देने वाले मोमिन मोहल्ला निवासी शफीक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने देर शाम तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें 2 दिन के रिमांड पर सौंप दिया गया। वारदात का पर्दाफाश करने करने वाली टीम में थानाधिकारी राजेन्द्र कुमार गोदारा, हैड कांस्टेबल रामचरण, कांस्टेबल कजोड़मल, रामराज, राजेन्द्र आचार्य व पंकज शामिल रहे।
ऐसे दी वारदात अंजाम पुलिस के अनुसार पीडि़त खलील अहमद ने बालाजी नगर केकड़ी स्थित भूखण्ड साढ़े सात लाख रुपए में झाड़ली निवासी सूरजमल सैन को बेचान किया था। साढ़े सात लाख रुपए में से डेढ़ लाख रुपए वह पेशगी ले चुका था तथा शेष रकम 6 लाख रुपए 25 फरवरी को रजिस्ट्री कराने के बाद प्राप्त किए थे। रुपए प्राप्त करने के बाद उसने केकड़ी में अपने रिश्तेदार के यहां रात्रि विश्राम किया तथा दूसरे दिन 26 फरवरी को सुबह टोडा के लिए रवाना हो गया। भूखंड बेचान में अहम भूमिका निभाने वाले मोमिन मोहल्ला निवासी शफीक ने रजिस्ट्री के समय बदमाशों को कोर्ट परिसर में बुला कर खलील के बारे में जानकारियां दी। इसके बाद जब वह दूसरे दिन टोडा के लिए रवाना हुआ, उस समय भी मोबाइल पर इसकी सूचना बदमाशों को दी। शफीक की जानकारी पर बदमाशों ने खलील का पीछा करना शुरू कर दिया। बघेरा के समीप तीनों ने वारदात अंजाम दी।