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अजमेर

मानसून का इंतजार…106 दिन में चाहिए 550 मिलीमीटर बरसात

यह तब होगा जबकि कई बार झमाझम बरसात हो। पांच साल में हुई कम बरसात को देखते हुए ऐसा होना मुश्किल है।

अजमेरJun 16, 2018 / 09:10 am

raktim tiwari

rain in ajmer

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अजमेर.

प्रदेश और जिले में मानसून भले नहीं आया हो, लेकिन इसके 16 दिन बीत चुके हैं। अजमेर जिले को बचे हुए 106 दिन में 550 मिलीमीटर बरसात चाहिए। यह तब होगा जबकि कई बार झमाझम बरसात हो। लेकिन पिछले पांच साल में हुई कम बरसात को देखते हुए ऐसा होना मुश्किल है।
राज्य और जिले में मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। इस दौरान होने वाली बरसात से खेतों में सिंचाई, तालाबों-बांधों में पानी आता है। साथ ही साल भर जलापूर्ति के लिए पानी मिलता है। अगर मानसून की 122 दिन की अवधि मानें तो इसके 16 दिन बीत चुके हैं। अब मात्र 106 दिन यानि जून के दो सप्ताह, जुलाई के 31, अगस्त के 31 और सितम्बर के 30 दिन और बचे हैं। इस दौरान होने वाली बरसात ही जिले के लिए वरदान साबित होगी।
पांच साल में नहीं पर्याप्त बरसात

मानसून पिछले पांच साल में अजमेर जिले पर ज्यादा मेहरबान नहीं हुआ है। यह कभी जून अंत तो कभी जुलाई के पहले पखवाड़े में सक्रिय होता रहा है। अलनिनो प्रभाव के चलते जिले में पर्याप्त बरसात नहीं हुई है। इस अवधि में जिले में कई बड़े जलाशयों में तो नाम मात्र का पानी पहुंचा है। साल 2012 में 520.2, 2013 में 540, 2014 में 545.8, 2015 में 381.44, 2016 में 512.07 और 2017 में 450 मिलीमीटर बरसात ही हो पाई।
नहीं है जलाशयों में पानी
जिले के छोटे और बड़े जलाशयों में पानी नहीं है। इनमें राजियवास, बीर, मूंडोती, पारा प्रथम और द्वितीय, बिसूंदनी, मकरेड़ा, रामसर, अजगरा, ताज सरोवर अरनिया, नारायण सागर खारी, मान सागर जोताया, देह सागर बडली, भीम सागर तिहारी, खानपुरा तालाब शामिल है। इसी तरह चौरसियावास, लाकोलाव टैंक हनौतिया, पुराना तालाब बलाड़, जवाजा तालाब, देलवाड़ा तालाब, छोटा तालाब चाट, बूढ़ा पुष्कर, मान सागर जोताया, कोडिय़ा सागर अरांई, जवाहर सागर सिरोंज, सुरखेली सागर अरांई, बिजयसागर लाम्बा, विजयसागर फतेहगढ़, बांके सागर सरवाड़ में भी पानी नहीं है।
केवल तीन जलाशयों में पानी

जिले में केवल तीन जलाशयों में पानी है। इनमें आनासागर में करीब 13 फीट, पुष्कर में, 3 और फायसागर करीब 4 फीट पानी है। बाकी जलाशयों को बरसात का इंतजार है।
यहां मापी जाती है बरसात
अजमेर, श्रीनगर, गेगल, पुष्कर, गोविन्दगढ़, बूढ़ा पुष्कर, नसीराबाद, पीसांगन, मांगलियावास, किशनगढ़, बांदरसिदरी, रूपनगढ़, अरांई, ब्यावर, जवाजा, टॉडगढ़, सरवाड़, केकड़ी, सावर, भिनाय, मसूदा, बिजयनगर, नारायणसागर और अन्य

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