अजमेर जिले के 325 फीडर इस कार्यक्रम के लिए चुने गए हैं। इन पर 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। भीलवाड़ा में 510 फीडरों के सेपरेशन पर 252 करोड़, तथा नागौर में 752 फीडरों पर 375 करोड़ रुपए खर्च होंगे। निगम ने फीडर सेपरेशन कार्यक्रम की डीपीआर तैयार करवाई है। इसे अगले सप्ताह मंजूरी के लिए रा’य सरकार को भेजा जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि व घरेलू विद्युत सप्लाई के फीडरों को अलग-अलग किया जाएगा। इससे बिजली छीजत में तो कमी आएगी ही किसानों को पूरी व गुणवत्ता युक्त बिजली भी मिलेगी। बिजली की चोरी पर भी लगाम लगेगी।
सीएम ने बजट में इसकी घोषणा नागौर में बछवारी तथा छोटी खुर्द फीडर पर यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक लागू किया जा चुका है। इससे बिजली चोरी व छीजत रुकने के साथ ही लाखों यूनिट बिजली की बच रही है। इन फीडरों से जुड़े किसानों को 6 घंटे थ्री फेज तथा ग्रामीणों को 24 घंटे सिंगल फेज बिजली मिल रही है। नागौर में पायलट प्रोजेक्ट में सफलता के बाद सरकार ने इसे पूरे रा’य में लागू करने का निर्णय किया गया है। मुख्यमंत्री ने बजट में इसकी घोषणा भी की है।
इनका कहना है फीडर सेपरेशन कार्यक्रम की डीपीआर तैयार करवाई गई है। 5 हजार फीडरों पर सिंगल व थ्री फेज की सप्लाई अलग-अलग की जाएगी। इससे किसान को 6 घंटे थ्री फेज और घरेलू उपभोक्ता को 24 घंटे गुणवत्ता युक्त बिजली मिलेगी।