महापौर ने आयुक्त को लिखा पत्र पिछले माह महापौर ने आयुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि समय सीमा गुजरने के बाद भी बोट संचालन का ठेका नहीं दिया गया। इससे निगम को वित्तीय हानि उठानी पड़ी है। जबकि महापौर ने जनवरी माह में निविदा की अनुमति जारी कर दी थी। महापौर ने आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र भी लिखा था। वहीं आयुक्त ने पलटवार करते हुए कहा था कि निगम को किसी तरह की हानि नहीं हुई है। इसके बाद ऑनलाइन ठेके जारी किए गए।
आनासागर के किनारे हो रही है कमाई
आनासागर झील शहर की सुंदरता में चार चांद लगा ही रही है। नगर निगम के लिए कमाई का बड़ा जरिया भी साबित हो रही है। निगम ने पूर्व में झील के किनारे लवकुश उद्यान में कैफेटेरिया संचालन का ठेका 37.80 लाख रुपए में दिया है। इससे पूर्व सुभाष उद्यान का ठेका 82 लाख रुपए में दिया गया। अब आनासागर में बोट संचालन का ठेका 1.59 लाख में दिया गया है।