वरुण ने बताया कि दीपेन्द्र के साथ उसने मूलचंदानी के ऑफिस में बीस दिन पहले जयपुर में लूटी विदेशी मुद्रा बदलवाने आया था। विदेशी मुद्रा एक्सचेंच के बहाने वह मूलचंदानी के सम्पर्क में था। इसके बाद 21 फरवरी को भी उसने मनीष मूलचंदानी को कॉल कर विदेशी मुद्रा बदलाने आने की बात कही थी। मूलचंदानी से बात करने के बाद उसने जितेन्द्र उर्फ जीतू को जानकारी दी। उसका इशारे मिलने पर ही जितेन्द्र उर्फ जीतू गैंग के साथ वारदात अंजाम देने पहुंचा।
वरुण पहले मादक पदार्थ का नशा करता था। नशे की लत को पूरा करने के लिए वह बैंकों के एटीएम में लगे बॉक्स से चेक चुराने के मामले में पकड़ा गया। फिर भीलवाड़ा के नशा मुक्ति केन्द्र में नशा छोड़ा। जयपुर में नशा मुक्ति केन्द्र खोला। यहां जीतू बना के सम्पर्क में आया। उसके खिलाफ एटीएम में चोरी, रुपए निकालने का प्रयास के 10 मुकदमे दर्ज हैं।
मूलचंदानी हत्या व डकैती की वारदात में पुलिस अब तक 5 आरोपियों को पकड़ चुकी है। इसमें मईनुद्दीन उर्फ मैनू, सीताराम, अर्जुनसिंह उर्फ अज्जू, शंकर बलाई व वरुण चौधरी शामिल है। गिरोह के सरगना जीतू जयपुर पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करेगी।