106 तहसीलों के लिए रिकॉर्ड स्केनिंग का वर्कआर्डर जारी
राजस्व मंडल के निबंधक बीएल मीणा ने बताया किं तहसीलों में संधारित रिकॉर्ड रूम्स को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मॉडर्न रिकॉर्ड रूम के रूप में स्थापित कर वहां राजस्व रिकॉर्ड को स्केन कर सुरक्षित किया जा रहा है। राज्य में 339 तहसीलों में से 106 तहसीलों के लिए चतुर्थ चरण लीगेसी रिकॉर्ड स्केनिंग का कार्यादेश जारी कर दिया गया है जिनमें से 13 तहसीलों में यह कार्य पूर्ण हो चुका है। राज्य में राजस्व नक्शों की सुरक्षा के साथ ही खातेदारों का विवरण अंकित करने व काश्तकारों को रिकार्ड की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराने को लेकर खसरा नक्शों के डिजिटाइजेशन का कार्य राज्य सरकार करवा रही है। इसमें सेटलमेंन्ट शीटों की स्केनिंग, डिजिटाइजेशन, तरमीम तथा जमाबंदी को लिंक करने के कार्य भी शामिल हैं।
नक्शे डिजिटाइजेशन का काम जारी राज्य के 33 जिलों में इस कार्यक्रम के तहत 6 फर्मों के माध्यम से नक्शे डिजिटाइज करने का कार्य किया जा रहा है अब तक राज्य के 46 हजार 821 गांवों की 1 लाख 29 हजार 955 शीट्स डिजिटाइज्ड हो चुकी हैं। इनमें से 95 हजार 897 शीट्स को अंतिम तरमीम पूरी कर ई-धरती सॉफ्टवेयर से लिंक कर दिया गया है। तहसीलों का भू अभिलेख पब्लिक डॉमिन पर उपलब्ध है, जिसके माध्यम से काश्तकार के नाम, पिता के नाम, खसरा नम्बर, खाता नम्बर आदि से जमाबन्दी की जानकारी एक क्लिक में उपलब्ध हो पा रही है।
ई-धरती सॉफ्टवेयर काश्तकारों को राजस्व रिकॉर्ड की उपलब्धता को लेकर एनआईसी द्वारा ई-धरती सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। ई-मित्र से जारी हो रही गिरदावरी व नक्शों की प्रतिलिपियां अब कृषक व आमजन को ऑनलाइन जमाबंदी के अवलोकन की सुविधा के साथ ही खसरा गिरदावरी व नामान्तरकरण की ई-साइन्ड प्रतिलिपियां राज्य की सभी ऑनलाइन तहसीलों में जारी करने का प्रावधान कर दिया गया है। राजस्व विभाग की ओर से 17 मई 2019 को जारी अधिसूचनानुसार ई-मित्र के माध्यम से ई साइन्ड खसरा गिरदावरी व नक्शों की प्रतिलिपियां जारी की जा रही है।